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December 12, 2024 12:44 pm


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देवली-उनियारा थप्पड़ कांड पर सीकर में विरोध-प्रदर्शन : मीणा समाज ने सिर पर कफन बांध कलेक्ट्रेट घेरा, बोले- नरेश मीणा को रिहा करें

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

सीकर। राजस्थान के देवली-उनियारा में विधानसभा उपचुनाव में हुए थप्पड़ कांड के बाद निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा के समर्थन में आदिवासी मीणा समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। सीकर में आज मीणा समाज के लोगों ने सिर पर कफन बांधकर आक्रोश रैली निकाली और कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध-प्रदर्शन किया। समाज के लोगों ने आरोपी नरेश मीणा को जल्द रिहा करने की मांग की। राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ (सीकर) की जिला कार्यकारी अध्यक्ष सीमा मीणा ने कहा- समरावता गांव में इलेक्शन के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के खिलाफ जो प्रशासन ने बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की गई है उससे मीणा समाज के लोगों में आक्रोश है। लोग आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने एक तरफा कार्रवाई की है जो गलत है। नरेश मीणा को जल्द रिहा किया जाए और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। महामंत्री बाबूलाल मीणा ने कहा- नरेश मीणा ने गलती की है हम उसके खिलाफ नहीं है। लेकिन नरेश से पहले जिसने गलती की उसे कोई नहीं देर देख रहा। एसडीएम का रिकॉर्ड भी पहले से ही बहुत खराब है। एसडीएम अमित चौधरी का आचरण अभद्र, तानाशाही और दबंगई वाला रहा है। जिसके चलते सरकार ने उनको हिंडोली उपखंड अधिकारी के पद से एपीओ किया था। साथ ही उनके द्वारा मालपुरा नगर पालिका क्षेत्र में नियम कायदों को ताक में रखकर तोड़फोड़ करने के मामले में कार्मिक विभाग ने जांच के आदेश जारी किए हैं। बाबूलाल मीणा ने कहा- एसडीएम अब फंस चुका है। उसने एक अपाहिज महिला से जबरन मतदान कराया था, सबसे पहले अपराध वह है। जब जबरन मतदान कराया जा रहा था तो नरेश मीणा उसके विरोध में आया था। नरेश ने कोई गलती नहीं की। उन्होंने कहा- अगर नरेश मीणा पर मुकदमा दर्ज हुआ है तो एसडीएम पर क्यों नहीं हुआ। घटना के दौरान कलेक्टर साहिबा मौके पर क्यों नहीं गई, उन्हें जाना चाहिए था। उपचुनाव में लोकतंत्र की हत्या हो रही थी। नरेश मीणा ने उस हत्या को रोकने की कोशिश की थी। बाबूलाल मीणा ने कहा- नरेश मीणा सिर्फ मीणा समाज का कार्यकर्ता ही नहीं है। वह 36 कौम का कार्यकर्ता है। वह हर आदमी के लिए लाठी खाता है, पुलिस की लाठियों से उसके कोई फर्क नहीं पड़ता। आधी रात को पुलिस वालों ने गांव में घुसकर मारपीट की। इस घटना में मीडियाकर्मियों पर जो हमला हुआ है उसके लिए हम खेद प्रकट करते हैं। लेकिन रमेश मीणा को न्याय मिलना चाहिए। मीणा समाज के लोगों ने कहा- प्रदेश लेवल पर बड़ी मीटिंग होने जा रही है। आज आदिवासी मीणा समाज के लोगों द्वारा सभी जिलों में ज्ञापन दिए जा रहे हैं। इसके बाद संभाग स्तर पर मीटिंग होगी। हम देख रहे हैं कि मुख्यमंत्री कब तक इस मामले में संज्ञान लेते हैं। अगर संज्ञान नहीं लिया तो हम मानवाधिकार आयोग में जाएंगे। इसके बाद सड़कों पर बड़ा आंदोलन होगा। इसके लिए समाज के लोग 7 दिनों बाद प्रत्येक गांव-ढाणी में जाकर पीले चावल बांटे जाएंगे। जिसके बाद फिर से सड़कों पर बड़ा आंदोलन होगा।

Author: JITESH PRAJAPAT

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