जोधपुर। जिले के मथुरा दास माथुर हॉस्पिटल में आग लगने के बाद झुलसी महिला की मौत हो गई। आगजनी की घटना दो दिन पहले की है। महिला ने इलाज के दौरान आज सुबह करीब 11 बजे इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। आग लगने के बाद महिला के पति हॉस्पिटल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया था। घटना के दिन हॉस्पिटल अधीक्षक डॉक्टर नवीन किशोरिया का कहना था कि महिला के साथ एक अटेंडेंट (उसका पति) था। उसने बीड़ी सुलगाकर डस्टबीन में फेंक दी, जिससे आग लगी थी।
झुलसी महिला ने दो दिन बाद तोड़ा दम
मामले के अनुसार 18 नवंबर को मथुरा दास माथुर हॉस्पिटल के जनरल वार्ड में आग लग गई थी। वार्ड में जैतारण (पाली) की रहने वाली महिला भर्ती थी। आग में महिला का ऑक्सीजन मास्क वाला हिस्सा जल गया था। महिला को झुलसी हालत में आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। दो दिन बाद महिला ने दम तोड़ दिया। महिला के पति ने बताया कि घटना रविवार देर रात 3 बजे की है। 17 नंवबर को अचानक ऑक्सीजन में आग उठी। पत्नी आग से तड़पने लगी थी। मैंने और बेटे ने संभाला। घटना के आधे घंटे से भी ज्यादा समय तक वार्ड में तैनात नर्स, कर्मचारी ने कोई सुध लेने नहीं ली। पत्नी को बैड से नीचे उतारा। वो दर्द से कराहती रही। उसका पूरा चेहरा जल गया था। मैंने बीड़ी नहीं पी थी। ये आरोप गलत है। इसमें लापरवाही हॉस्पिटल प्रशासन की रही है।
आग के लिए हॉस्पिटल प्रशासन ने पति को माना जिम्मेदार
हॉस्पिटल प्रशासन ने वार्ड में ड्यूटी पर तैनात नर्सिंगकर्मी को एपीओ कर दिया गया था। नर्सिंग एसोसिएशन ने मंगलवार को इसका विरोध किया था। इसके बाद उसे बहाल कर दिया गया था। मामले में हॉस्पिटल प्रशासन ने महिला के पति को ही जिम्मेदार माना है। हॉस्पिटल में जांच के लिए गठित टीम ने बताया कि महिला का पति बीड़ी पीता है। वह अटेंडेंट के तौर पर वार्ड में उसके साथ था। उसने ही बीड़ी सुलगाकर डस्टबीन में फेंका था, जिससे आग लग गई। वार्ड में शॉर्ट सर्किट का कोई सबूत नहीं मिला।