बांसवाड़ा। जिले में स्कूल से घर लौट रहे एक 4 साल के मासूम पर कुत्ते ने हमला कर दिया। कुत्ते ने झपट्टा मारा और मासूम के एक साइड का कान को अपने जबड़े में दबोच लिया। चिल्लाने की आवाज पर मौके पर पहुंचे लोगों ने कुत्ते से बच्चे को छुड़ाया, लेकिन तब तक मासूम के कान का हिस्सा शरीर से अलग हो चुका था। घटना जिले के छोटी सरवन क्षेत्र के अंदरू का पाड़ा गांव में मंगलवार की शाम को हुई। मासूम के पिता दिनेश ने बताया- अंदरू का पाड़ा गांव के स्कूल में परिवार के बच्चे पढ़ने के लिए जाते हैं। मंगलवार की शाम करीब 4 बजे बच्चे स्कूल से घर लौट रहे थे। इस दौरान मेरे बेटे आयुश (4) पर कुत्ते ने हमला कर दिया। उसके साथ छोटे बच्चे भी थे, इसलिए वे तत्काल उसे बचा नहीं पाए। बच्चों के चिल्लाने की आवाज सुन कर आसपास के लोगों ने कुत्ते से बच्चे को छुड़ाया। लेकिन तब तक बच्चे का लेफ्ट साइड का कान शरीर से अलग हो चुका था। लहूलुहान हालत में बच्चे और पॉलीथिन में कान को लेकर छोटी सरवन के सरकारी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे एमजी अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिजनों ने बताया- आयुष अभी छोटा है, इसलिए स्कूल में प्रवेश नहीं कराया था। वह अन्य बच्चों के साथ ही स्कूल जाना सीख रहा था। इस बीच आज परिजन एमजी अस्पताल में पट्टी होने के बाद मासूम को लेकर घर के लिए रवाना हो गए। हालांकि हॉस्पिटल में कान को जोड़ा नहीं जा सका था, जिसके बाद परिजन पॉलीथिन में रखे कान को लेकर हॉस्पिटल से बाहर निकल गए। इस बीच एमजी अस्पताल के प्रबंधन के अनुसार- परिजनों द्वारा किसी निजी हॉस्पिटल में बच्चे का इलाज करवाने की संभावना है।
कुत्तों की जांच बंद
परिजनों ने बताया कि गांव में कुत्तों के हमलों से काफी ग्रामीण घायल हो चुके है। लेकिन जिला और ग्राम पंचायत स्तर पर सड़कों पर घूमते कुत्तों के खिलाफ कोई अभियान नहीं चलाया गया है। इसके कारण घटनाएं बढ़ रही है। पूर्व में पशु चिकित्सालय की ओर से शहर में कुत्तों की नसबंदी के लिए मुहिम शुरू तो हुई, लेकिन आगे बढ़ नहीं पाई। उन्होंने मामले में प्रशासन से शीघ्र कुत्तों की जांच और नसबंदी की मुहिम फिर से शुरू करने की मांग की।