जालोर। पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े जवाई बांध के पानी बंटवारे को लेकर जालोर में किसान सड़कों पर उतर गए है। मंगलवार रात 12 बजे से किसान जुटना शुरू हो गए थे। बुधवार सुबह किसान कलेक्ट्रेट के सामने धरना स्थल पर पहुंचे और विरोध शुरू किया। इस दौरान किसानों ने रास्ते में ट्रैक्टर लगाकर रास्ता बंद कर दिया। वहीं कई रोडवेज बसों को रोक दिया गया है। किसानों के समर्थन में व्यापारियों ने भी बाजार बंद कर दिया है। वहीं जालोर से निकलने वाले बाड़मेर-जोधपुर नेशनल हाईवे 325 का भी रास्ता बंद कर दिया गया है।
9 दिन से चल रहा है धरना प्रदर्शन
दरअसल, जालोर में जवाई बांध के पानी पर जालोर का एक तिहाई हिस्सा तय करने, किसानों को समय पर बीमा क्लेम दिलाने की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के आव्हान पर 9 दिन पहले महापड़ाव शुरू किया था। इसके समर्थन में बुधवार को 300 गांवों के हजारों किसान जालोर पहुंचे। सुबह करीब 9 बजे हरिदेव जोशी और अस्पताल चौराहे पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया। इसके बाद 11:30 बजे वे जालोर से निकलने वाले बाड़मेर-जोधपुर हाईवे पर पहुंचे और यहां रास्ता जाम कर दिया। यहां से निकलने वाली रोडवेज बस और अन्य वाहनों को भी रोक दिया गया है। किसानों का कहना है कि 9 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों से कोई वार्ता करने नहीं आया। इसके बाद इन्होंने प्रदर्शन शुरू किया। यहां किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर लेकर धरना स्थल पर पहुंचे।
धरना स्थल पर शुरू की रसोई, समझाइश के लिए पहुंचे अधिकारी
इस दौरान एएसपी मोटाराम व डीएसपी गौतम जैन सहित जिले के सभी थानाधिकारियों के द्वारा किसानों से समझाइश की और ट्रैक्टर व अन्य वाहनों को हटाने के लिए समझाइश की। लेकिन, किसान नहीं माने। इधर, किसानों ने धरना स्थल पर ही खाना बनाना शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार से वार्ता नहीं हो जाती किसान सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।