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December 2, 2024 1:56 pm


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आरक्षण में कटौती के खिलाफ MBC समाज करेगा पैदल मार्च : 9वीं अनुसूची में जुड़वाने की मांग; बांदीकुई से चलकर CMR जयपुर पहुंचेंगे

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

दौसा। राजस्थान के सबसे पिछड़ा वर्ग (MBC) ने आरक्षण में राज्य सरकार की ओर से कटौती का विरोध किया है। एमबीसी आरक्षण को 9वीं अनुसूची में जुड़वाने की मांग की है। एमबीसी समाज ने विरोध और मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है। साथ ही मुख्यमंत्री आवास जयपुर तक पैदल मार्च निकालने की बात कही है। राजस्थान विशेष पिछड़ा वर्ग आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से कहा गया है कि 4 दिसंबर को बांदीकुई (दौसा) से जयपुर तक पैदल मार्च निकाला जाएगा। शुक्रवार को दौसा में समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को 11 सूत्री मांग पत्र के साथ ज्ञापन सौंपा। समिति के रतन पटेल ने बताया- बांदीकुई से मुख्यमंत्री आवास सिविल लाइंस जयपुर तक पैदल मार्च व धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस संबंध में पदाधिकारियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। 4 दिसंबर से बांदीकुई के मुकरपुरा चौराहे से बांदीकुई शहर व दौसा शहर में रैली के रूप में गुजरते हुए मुख्यमंत्री आवास जयपुर तक पैदल मार्च निकालने का फैसला किया गया है। ज्ञापन देने के दौरान नवीन गुर्जर, खुशीराम, हरसहाय मेंबर, पूरण सिंह चेची, सूरजभान सिंह आदि सदस्य मौजूद रहे।

इन मांगों को लेकर करेंगे पैदल मार्च

  • केंद्र सरकार द्वारा एमबीसी आरक्षण को तुरंत प्रभाव से 9वीं अनुसूची में जोड़ा जाए।
  • सभी सरकारी भर्तियों व नियुक्तियों में एमबीसी वर्ग के लिए निर्धारित पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ देते हुए सभी पद एमबीसी वर्ग से भरे जाएं और किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाए।
  • भर्तियों में एमबीसी के लिए 5% पद (20 पदों में एक पद) आवंटित आरक्षित किया जाए।
  • सरकार की भर्ती एजेंसियों द्वारा बनाए गए नियम व उपनियमों को बदला जाए, जिनके द्वारा एमबीसी के अभ्यर्थियों को पांच प्रतिशत आरक्षण का पूरा लाभ नहीं दिया जा रहा।
  • एमबीसी वर्ग को पांच प्रतिशत पदों से वंचित रखने के उद्देश्य से नियम व उपनियम बनाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए
  • भर्तियों में एमबीसी वर्ग के उम्मीदवार उपलब्ध होने पर उनसे ही एमबीसी के पद भर जाए, कोई पद रिक्त नहीं रखें व अन्य वर्ग से नहीं भरे, साथ ही एमबीसी वर्ग के उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने पर बैकलॉग रखा जाए।
  • एमबीसी वर्ग के लिए सरकारी भर्तियों में न्यूनतम उत्तीर्ण प्राप्त की सीमा नहीं रखी जाए, ऐसा करने से आरक्षित वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।
  • एमबीसी वर्ग के छात्रों को नियमित छात्रवृत्ति दी जाए।
  • पुराने बैकलॉग को एमबीसी वर्ग से तुरंत भरा जाए।
  • भर्तियों में पदों का आवंटन जिलावार या अन्य प्रकार से पदों का विभाजन नहीं कर एमबीसी वर्ग के लिए एक साथ किया जाए।
  • सभी भर्तियों की समीक्षा की जाए, जिनमें पांच प्रतिशत आरक्षण के पदों पर नियुक्ति नहीं दी गई।

Author: JITESH PRAJAPAT

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