झुंझुनूं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देशभर में सीए और क्रिप्टो ट्रेडर्स के संगठित गिरोह का खुलासा किया। ये गिरोह साइबर ठगी की ब्लैक मनी को व्हाइट करता था। भारत से पैसा ठगकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के ऐप (PPYYL) पर भेजा जाता था। फिर उसे दुबई में क्रेडिट कार्ड-एटीएम से कैश किया जा रहा था। जांच में सामने आया कि ठगी का पैसा 5 हजार से ज्यादा भारत के अलग-अलग बैंक अकाउंट से निकाला गया।
640 करोड़ रुपए के इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने 28 से 30 नवंबर तक देशभर में 13 जगह कार्रवाई की। ईडी ने बुधवार दोपहर मामले को लेकर खुलासा किया। राजस्थान में जोधपुर और झुंझुनूं के अलावा यह कार्रवाई दिल्ली, गुरुग्राम, हैदराबाद, पुणे और कोलकाता में की गई थी। ईडी ने ट्वीट में बताया कि PPYYL ऐप के जरिए हुई जालसाजी और ठगी में 47 लाख कैश, डॉक्युमेंट जैसे चेकबुक, एटीएम, पैन कार्ड, डिजिटल सिग्नेचर, ट्र्स्ट वॉलेट को रिकवर और सीज किया है। इसके साथ ही 1.36 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी को भी सीज किया है। कार्रवाई में कुछ निजी वॉलेट और कई बैंक अकाउंट सीज किए गए हैं।
ED ने बुधवार को ट्वीट कर कार्रवाई का खुलासा किया
दिल्ली से दो CA भी पकड़े
ईडी ने मामले में दिल्ली से दो चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय यादव और विपिन यादव, क्रिप्टो करेंसी ट्रेडर जितेंद्र कस्वां को गिरफ्तार किया था। ये गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दो FIR के आधार पर की थी। इसके अलावा दिल्ली में एक फरार सीए अशोक कुमार शर्मा के भाई राधेश्याम शर्मा को तलाशी दल पर हमले के आरोप में (दिल्ली से) गिरफ्तार किया गया था।
झुंझुनूं के जखोड़ा गांव में की थी छापेमारी
ईडी की टीम 28 नवंबर को झुंझुनूं के जखोड़ा गांव निवासी जितेंद्र कस्वां को लेकर देर रात 2:30 बजे उसके गांव पहुंची थी। गांव के बाहर देवनारायण मंदिर के पास उन्होंने ढाई घंटे तक इंतजार किया।इसके बाद सुबह 5 बजे जितेंद्र कस्वां के घर पर छापा मारा था। यह कार्रवाई लगभग 17 घंटे तक जारी रही थी। इस दौरान ईडी टीम के साथ आए सीआरपीएफ के जवानों ने जितेंद्र कस्वां के घर की ओर आने वाले रास्ते को दोनों तरफ से बंद कर दिया था। यहां तक कि छत पर और घर के बाहर भी सीआरपीएफ के जवान तैनात थे। कार्रवाई के दौरान किसी को भी घर पर नहीं आने दिया गया था।
संगठित नेटवर्क था, ब्लैक मनी को व्हाइट करते थे
घोटाले में सीए और क्रिप्टो ट्रेडरों का एक संगठित नेटवर्क था। ये ब्लैक मनी को व्हाइट मनी में बदले का काम करते थे। जांच में यह भी सामने आया कि साइबर ठगी से पैसा भारतीय बैंकों से निकाला गया। फिर क्रेडिट कार्ड के जरिए दुबई में कैश में बदला गया। सामने आए बैंक खातों को (जिनमें पैसा जा रहा था) सीज किया गया है। ईडी ने 2 हजार से ज्यादा दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जाएगी। ईडी को शक है कि घोटाले में शामिल लोगों ने सट्टेबाजी, जुआ, कुछ समय के लिए नौकरियों और फिशिंग के जरिए करोड़ों कमाए हैं।
FIR में बताया- भुगतान के लिए PYYPL ऐप का इस्तेमाल किया
एफआईआर में बताया गया है ठगों ने 5000 से ज्यादा भारतीय बैंकों के अकाउंट से पैसा निकाला। इस पैसे को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भुगतान प्लेटफार्म PYYPL ऐप पर अपलोड किया गया। जिसे दुबई में क्रेडिट कार्ड या एटीएम से कैश किया गया।