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December 19, 2024 1:40 am


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स्कूली छात्रा से रेप के दोषी को 20 साल जेल : प्रेग्नेंट हुई तो खिलाई गोलियां, तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल में प्रेग्नेंसी का पता चला

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

बांसवाड़ा। जिले में 10वीं की छात्रा से रेप के दोषी को गुरुवार को विशेष अदालत ने 20 साल की कठौर कैद का फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोषी को 20 हजार रुपए जुर्माने से भी दंडित किया। मामला 5 साल पुराना है। पीड़िता की कोर्ट में साक्ष्य लेखबद्ध होने से पहले ही मौत हो चुकी थी, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट, गवाह और मौजूदा साक्षों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी पूनमचंद को दोषी मानते हुए सजा सुनाई। 3 जनवरी, 2020 को पीड़िता ने एमजीएच रतलाम में लिखित रिपोर्ट दी। जिसमें बताया कि वह 10वीं कक्षा की छात्रा है। रिपोर्ट देने से करीब डेढ़ साल पहले उसके रिश्ते में भाई की शादी में उसे पूनमचंद मिला था। जहां उसकी जान पहचान हुई। पीड़िता की पूनमचंद से मोबाइल पर बातचीत होती थी। अप्रैल 2019 में अभियुक्त ने उसे बातचीत करने को लेकर उसके घर बुलाया। अभियुक्त ने उसे शादी का झांसा दिया और दुष्कर्म किया। पूनमचंद के मना करने पर पीड़िता ने घटना के बारे में किसी को नहीं बताया।

इसी तरह अभियुक्त ने पीड़िता को उसके घर बुलाकर 2-3 बार दुष्कर्म किया। इसके बाद उसे पता चला कि वह गर्भवती है तो उसने यह बात पूनमचंद को बताई। जिस पर पूनमचंद ने शादी करने से इनकार कर दिया। बाद में पूनमचंद ने पीड़िता को दानपुर बाजार में बुलाया और गोलियां खाने को दी, जिससे किशोरी की तबीयत खराब हो गई। इस पर पीड़िता के परिजन उसे रतलाम अस्पताल लेकर आए। जहां जांच के बाद डॉक्टर ने बताया कि उसके ढाई माह का गर्भ है।

इसी आशय की रिपोर्ट पूनमचंद के खिलाफ पुलिस थाना स्टेशन रोड, रतलाम में दी। क्योंकि, वारदात बांसवाड़ा क्षेत्र में होने पर पुलिस मुख्यालय अपराध अनुसंधान विभाग म.प्र. भोपाल ने जयपुर में अतिरिक्त महानिदेशक (सिविल राइट्स) जयपुर को मामला हस्तांतरित किया। इसके बाद एसपी के निर्देश पर दानपुर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की। विशिष्ट लोक अभियोजक हेमेंद्रनाथ पुरोहित ने बताया कि पीड़िता की दौराने विचारण कोर्ट में साक्ष्य लेखबद्ध होने से पहले ही मौत हो चुकी थी। विशेष न्यायालय, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की पीठासीन अधिकारी तारा अग्रवाल ने सुनवाई और मौजूदा साक्षों के आधार पर पूनमचंद को दोषी मानते हुए फैसला सुनाया।

Author: JITESH PRAJAPAT

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