टोंक। एसडीएम के नोटिस पर पुलिसकर्मी को एक आरोपी युवक को बुलाना भारी पड़ गया। युवक ने आते ही थाने के ठीक सामने कॉन्स्टेबल पर चाकू से हमला कर दिया। बचने के लिए कॉन्स्टेबल ने हाथ-पैर चलाए। डेढ़ मिनट तक दोनों आपस में उलझते रहे। इस दौरान थाने के बाहर ही लोगों की भीड़ जमा हो गई। पुलिस के जवान ने आरोपी युवक का हाथ पकड़कर खुद को चोटिल होने से बचाया। इस दौरान युवक ने पुलिसकर्मी को धक्का देकर नीचे गिरा दिया। इसका वीडियो सोमवार दोपहर को सामने आया है। मामला टोंक के कोतवाली थाने का रविवार दोपहर का है।
युवती को भगा ले जाने का आरोप था
कोतवाली के सीआई भंवर लाल वैष्णव ने बताया कि टोंक शहर के कोतवाली क्षेत्र के काली पलटन इलाके का बशीर मोहम्मद उर्फ सद्दाम (28) अब्दुल हकीम है, वह मानसिक बीमार है। यह युवक पांच-छह साल पहले एक लड़की को भगाकर ले गया था। बाद में लड़की भी अपने घर आ गई। मामला खत्म हो गया था, लेकिन उस समय हुई रिपोर्ट के चलते कोतवाली में आरोपी युवक के खिलाफ SDM से एक नोटिस आया हुआ था। उसकी पालना करवाने के लिए बीट प्रभारी कॉन्स्टेबल डालचंद ने उसे फोन कर रविवार को कोतवाली बुलाया था।
युवक ने कोतवाली पहुंचते ही कॉन्स्टेबल को धमकाया
वैष्णव ने बताया- रविवार दोपहर युवक कोतवाली के बाहर पहुंचा तो वहां कॉन्स्टेबल डालचंद कोतवाली के बाहर के गेट पर खड़ा था। इसी दौरान आरोपी युवक ने चाकू निकाला और कॉन्स्टेबल को धमकाया कि मेरी फिर किसने शिकायत की है, मैं उसे छोड़ूंगा नहीं। यह कहते हुए युवक ने जेब से चाकू निकालकर पुलिसकर्मी पर हमला करने का प्रयास किया। इस दौरान कॉन्स्टेबल डालचंद ने बचाव करते हुए उसका हाथ पकड़ लिया। इसके बाद दोनों करीब डेढ़ मिनट तक गुत्थम-गुत्था हो गए। आरोपी युवक ने कॉन्स्टेबल को नीचे गिरा दिया।
परिजन युवक को छुड़ा ले गए
इस दौरान एक-दो पुलिसकर्मी भी पास ही खड़े थे। नीचे गिरे कॉन्स्टेबल को लोगों ने उठाया, इसके बाद जाकर पास खड़े 2 पुलिसकर्मी भी आए और आरोपी को पकड़कर कोतवाली ले गए। पूरे मामले की सूचना मिलने के बाद आरोपी युवक के परिजन कोतवाली पहुंचे। जहां उन्होंने कोतवाल से कहा कि युवक मानसिक रूप से कमजोर है। उसके बाद पुलिस ने उसे परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
आरोपी युवक को मां के सुपुर्द किया
पुलिस ने इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी आरोपी युवक का निर्धारित मापदंड से बना मानसिक रोगी का सर्टिफिकेट भी नहीं देखा और उसे छोड़ दिया। कोतवाल ने कहा कि युवक को छोड़ते समय मानसिक रोगी का सर्टिफिकेट तो नहीं देखा, लेकिन इसके मानसिक रोगी होने की दवाइयां चल रही थी, उस आधार पर उसे उसकी मां के सुपुर्द कर दिया।