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August 5, 2025 9:06 am


SDM को 2 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा : जमीन के डॉक्युमेंट में नाम ट्रांसफर करने के लिए 5-लाख मांगे थे; ACB को मिली थी शिकायत

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

खेतड़ी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने खेतड़ी एसडीएम बंशीधर योगी को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। टीम को कैश के साथ क्रॉकरी का सेट भी बरामद हुआ। एसीबी को जमीन के इंतकाल (डॉक्युमेंट में नाम ट्रांसफर) के लिए 5 लाख की रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी। एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा के निर्देश पर मंगलवार को एएसपी पुष्पेंद्र सिंह के नेतृत्व में कार्रवाई की। फिलहाल मामले की जांच जारी है। एसीबी अन्य दस्तावेज और साक्ष्य खंगाल रही है।

5 लाख मांगी थी रिश्वत, 3 लाख में हुआ था सौदा

एसीबी के डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया- एसीबी की स्पेशल यूनिट द्वितीय, जयपुर इकाई को एक व्यक्ति ने शिकायत दी थी। शिकायत में बताया कि उसकी जमीन के विवाद में न्यायालय ने उसके पक्ष में आदेश दिया। इसके बाद जमीन इंतकाल करवाने के लिए वह तहसील कार्यालय गया।

वहां आरोपी बंशीधर योगी ने पहले 20 बीघा जमीन अपने नाम करवाने की मांग की। परिवादी ने इस पर अपनी असमर्थता जताई। फिर बंशीधर ने 5 लाख रुपए रिश्वत मांगी। मान-मनौव्वल के बाद 3 लाख में सौदा तय हुआ था। परिवादी ने परेशान होकर एसीबी को शिकायत की।

एसीबी ने वेरिफिकेशन के लिए पहले 1 लाख की रिश्वत की राशि एसडीएम को दिलवा दी। आरोप की पुष्टि होने के बाद टीम ने प्लान बनाकर मंगलवार को परिवादी से 2 लाख की रिश्वत राशि दिलवाई और रंगे हाथ एसडीएम बंशीधर को गिरफ्तार किया।

एसडीएम के सभी ठिकानों पर चलेगा तलाशी अभियान

डीजी डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया- सरकारी क्वार्टर में बंशीधर योगी से पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही उनके सभी ठिकानों पर तलाशी अभियान भी चलाया जाएगा। अगर SDM के ठिकानों से अधिक संपत्ति मिलती है तो आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज होगा।

डेढ़ महीने पहले ही खेतड़ी एसडीएम हुए थे नियुक्त

बंशीधर योगी 18 अक्टूबर 2024 को ही खेतड़ी एसडीएम के पद पर नियुक्त हुए थे। वे भीलवाड़ा से स्थानांतरित (ट्रांसफर) होकर खेतड़ी आए थे।

इससे पहले बंशीधर 2017 से 2019 तक खेतड़ी में तहसीलदार के पद पर भी रह चुके हैं। 2019 में उन्हें राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में प्रमोट किया गया था।

जानिए, क्या होता है इंतकालकरवाना

जमीन की रजिस्ट्री के बाद रिकॉर्ड में खरीदार के नाम को दर्ज करना ही ‘इंतकाल’ कहलाता है। जब जमीन की रजिस्ट्री होती है, तो तहसील में यह जांचा जाता है कि जमीन किसके नाम पर दर्ज है।

यदि खरीदार जमीन का इंतकाल नहीं करवाता, तो जमीन का स्वामित्व बेचने वाले के नाम पर ही दर्ज रहता है।

इंतकाल प्रक्रिया पूरी होने के बाद नए खरीदार का नाम तहसील के रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया जाता है, जिससे जमीन का मालिकाना हक उसके नाम पर हो जाता है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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