बूंदी। जिले के कापरेन इलाके में बुधवार को एक सरकारी स्कूल में टीचर के डेपुटेशन निरस्त नहीं होने से ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों ने 14 दिन बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने पर स्कूल के ताला लगा दिया और प्रदर्शन करने लगे है। ग्रामीण टीचर के डेपुटेशन को खत्म कर वापस स्कूल में लगाने की मांग कर रहे हैं।
कापरेन इलाके की बालोद पंचायत मुख्यालय पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल से डेपुटेशन पर अन्य जगह लगाए टीचर को वापस लगाने की मांग कर रहे है। 14 दिन पहले भी ग्रामीणों ने स्कूल के ताला लगाकर विरोध किया था। तब प्रशासन ने दो दिन मे समाधान करने का आश्वासन दिया था। इस बीच कुछ दिनों के लिए टीचर को वापस लगाया फिर डेपुटेशन पर लगा दिया। इसके चलते ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है। खासकर पंचायत सहायकों को दूसरी पंचायत में लगाने से ज्यादा नाराजगी है।
शिक्षा मंत्री तक पहुंचा था मामला
ग्रामीण हरि प्रसाद मीणा ने बताया कि बालोद स्कुल से नियम विरुद्ध डेपुटेशन की बात उस समय शिक्षा मंत्री मदन दिलावर तक भी पहुंची थी, लेकिन विभाग डेपुटेशन निरस्त की मांग पर ठोस निर्णय नहीं ले पाया है। 14 दिन पहले डेपुटेशन निरस्त करने की मांग को लेकर स्कूल के ताला लगाकर विरोध प्रकट किया था तब प्रशासन ने समझाईश कर आश्वासन दिया था कि दो तीन दिन टीचर को वापस लगा दिया फिर डेपुटेशन कर दिया।पंचायत सहाय को दूसरी पंचायत मे नियम विरुद्ध लगा रखा है।
नियम विरुद्ध चार टीचर डेपुटेशन पर
ग्रामीणों ने बताया कि शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने दो टीचर व दो पंचायत सहायक का स्कूल से नियम विरुद्ध डेपुटेशन कर दिया। इसके चलते स्कूल की व्यवस्था प्रभावित होने लगी है।पहले ही स्कूल में पर्याप्त टीचर नहीं होने से पढाई में परेशानी आ रही है। वहीं, टीचर का डेपुटेशन करने से व्यवस्था और बिगड़ गई। इनमें से पंचायत सहायक का डेपुटेशन तो पुरी तरह से नियम विरुद्ध बताया। वहीं, टीचर का डेपुटेशन भी राजनितिक कारणों से निरस्त नहीं हो पा रहा है। इसका खामियाजा स्कूल के छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
डेपूटेशन के विवाद के चलते नायब तहसीलदार दीपक सक्सेना, कापरेन एसएचओ कमल सिंह व बीईओ संजय मीणा मौके पर पहुंचे और समझाइश की। ग्रामीण डेपुटेशन निरस्त करने की मांग पर अडे़ हैं। नायब तहसीलदार दीपक सक्सेना ने बताया कि समझाइश कर रहे तथा ऑप्शनल व्यवस्था बना कर ग्रामीणों की समस्या का समाधान का प्रयास कर रहे हैं।