बांसवाड़ा। 16 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म के एक मामले में विशेष अदालत ने टांडा रत्ना निवासी अजीतसिंह को दोषी मानते हुए 20 साल की कठोर कारावास और 20 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण पांच साल पुराना है।
इस संबंध में 6 नवंबर, 2019 को पीडिता के काका ने सज्जनगढ़ पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया कि उनकी भतीजी 5 नवंबर, 2019 को रोजाना की तरह सुबह को सज्जनगढ़ पढ़ाई करने के लिए निकली। लेकिन समय पर घर नहीं लौटी। जिस पर तलाश की और स्कूल में पता लगाया तो पता चला कि पीड़िता स्कूल में आधे दिन बाद नहीं गई। जिस पर परिजनों ने आसपास व रिश्तेदारों में पता किया। इस पर उनके गांव के एक युवक ने बताया कि उसने पीड़िता को अजीत के साथ जाते हुए देखा था। जिस पर उन्होंने अजीत के पिता से संपर्क कर घटना के बारे में बताया तो उन्होंने बेटे के झाबुआ और अहमदाबाद जाने की संभावना जताई।
परिजनों ने पीड़िता को उन संभावित जगहों पर तलाशा लेकिन नहीं मिली। बाद में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया और जांच के बाद चालान पेश किया। विशिष्ट लोक अभियोजक हेमेंद्रनाथ पुरोहित ने बताया कि पीठासीन अधिकारी तारा अग्रवाल ने सुनवाई के बाद और मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर अजीत को दोषी मानते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 5 (ठ)/6 के अपराध के लिए 20 वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। कोर्ट ने प्रतिकर के लिए सिफारिश भी की।