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July 7, 2025 11:55 pm


अंतराष्ट्रीय ऊंट उत्सव 10 से : केमल रिसर्च सेंटर और रायसर में होंगे आयोजन, ऊंटों की दौड़ भी होगी

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Pankaj Garg

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बीकानेर। अंतराष्ट्रीय ऊंट उत्सव 10 से 12 जनवरी तक बीकानेर के केमल रिसर्च सेंटर और रायसर गांव में आयोजित होगा। हर बार की तरह इस बार भी इस आयोजन में स्थानीय व बाहरी कलाकार परफोर्म करेंगे। जिला कलेक्टर नमृता वृष्णि ने बताया- उत्सव में अधिक से अधिक देशी और विदेशी पर्यटक शिरकत करें, इसके मद्देनजर इसका व्यापक प्रचार-प्रचार किया जाएगा। उत्सव के दौरान ऐसे नवाचार होंगे, जिससे राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं को नई पहचान मिल सके। 10 जनवरी को भव्य सांस्कृतिक संध्या के साथ तीन दिवसीय कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। इसमें विभिन्न कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। जूनागढ़ परिसर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के दौरान हैंडीक्राफ्ट सहित स्थानीय विशेषताओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

दूसरे दिन होंगे विभिन्न कार्यक्रम

11 जनवरी को राष्ट्रीय उच्च अनुसंधान केंद्र में ऊंट नृत्य, ऊंट फर कटिंग, ऊंट सज्जा, ऊंट दौड़ तथा अश्व से संबंधित गतिविधियां आयोजित होंगी। दोपहर 3:30 बजे जूनागढ़ से शोभायात्रा रवाना होगी। इसमें सजे-धजे ऊंट, ऊंट गाड़े, तांगे, हेरिटेज गाड़ियां, लोक कलाकार, एनसीसी, एनएसएस कैडेट्स,स्कूली विद्यार्थी भाग लेंगे। सायं साढे चार बजे से डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में मिस्टर बीकानेर, मिस मरवन तथा ढोला मरवण शो आयोजित होंगे। सायं 7 बजे डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा।

तीसरे दिन रायसर आयोजन

12 जनवरी को रायसर में रस्साकसी, कुश्ती, कबड्डी, खो-खो, साफा बांधने की प्रतियोगिता, महिला मटका दौड़ तथा ड्यून रेस आदि आयोजित होंगी। वही सैंड आर्ट एग्जिबिशन, हैंडीक्राफ्ट, फूड बाजार, हॉर्स रेस, कैमल कार्ट सफारी आदि गतिविधियां होंगी। सायं 6 से रात्रि 10 बजे तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। इसमें विभिन्न सांस्कृतिक केंद्रों के कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएगी।

पीले चावल बांट देंगे न्योता 2 जनवरी को पीले चावल बांटकर आमजन को उत्सव के लिए न्यौता दिया जाएगा। इसमें रोबीले, लोक कलाकार और सजे-धजे ऊंट-घोड़े साथ रहेंगे। उन्होंने आयोजन से जुड़े सभी अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से समस्त तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार किया जाए। सभी कार्यक्रम भव्य और गरिमामय तरीके से हों, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऊंट उत्सव बीकानेर की पहचान से जुड़ा आयोजन है। इसके मद्देनजर इसके आयोजन में किसी प्रकार की कमी नहीं रहे।

Author: JITESH PRAJAPAT

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