– भवई, कच्ची घोड़ी, तेरह ताली नृत्य ने दर्शकों को किया अभिभूत
जोधपुर। पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव में बुधवार की शाम राजस्थान की सोंधी माटी की महक के लोक गीत,लोक संगीत और नृत्य ने लोगों को देर तक बांधे रखा। राजस्थान की लोकसंगीत संध्या तरुण सिंह सोलंकी के निर्देशन में सुप्रसिद्ध लोक नृत्य भवाई, कच्छी घोड़ी तेरह ताली नृत्य और लंग बंधुओं के प्रसिद्ध लोक गीत गायन ने अदभुत रंग जमा दिया ।भवाई सहित अनेक चमत्कारिक नृत्यों के लिए मशहूर बाबूनाथ पार्टी ने भवाई, साइकिल के चक्के का विशेष नृत्य, अग्नि नृत्य, थाली नृत्यों की प्रस्तुति से शाम को कमाल कर दिया। कार्यक्रम में बंदूखान लांगा और साथियों ने लोक गीतों से मन मोह लिया। खातू सपेरा पार्टी ने कालबेलिया नृत्य से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके साथ की बोर्ड पर श्याम डांगी,पैड पर मदद अली, तबले पर ललित रावल, सलाऊ खान,ढोलक पर असलम,राम ढोल पर साहिल खान,सारंगी पर मुनीर खान और खड़ताल पर इमरान ने संगति की। समारोह में सांस्कृतिक संयोजक राकेश श्रीवास्तव और पंकज लोढ़ा ने संयोजन किया। कार्यक्रम का निर्देशन तरुण सोलंकी ने किया संचालन प्रमोद सिंघल ने किया। लघु उद्योग भारती के प्रांतीय अध्यक्ष महावीर चोपड़ा ने अतिथियों का स्वागत किया।