दौसा। जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक करीब साढ़े 4 महीने बाद गुरुवार को जिला प्रमुख हीरालाल सैनी की अध्यक्षता में शुरू हुई। सदस्यों को पीने के लिए पानी नहीं मिलने से सदस्य नाराज हो गए और बैठक का बहिष्कार कर दिया।
दरअसल, साधारण सभा की बैठक दोपहर करीब 12.30 बजे शुरू हुई। जहां जिला परिषद सदस्य भोमाराम वर्मा ने पीने के लिए पानी मांगा। लेकिन कर्मचारी पानी लेकर नहीं आए। करीब 15 मिनट बाद सदस्य वर्मा ने अध्यक्ष को इंगित करते हुए फिर से पानी मांगा।
इस पर अध्यक्ष ने सीईओ नरेन्द्र मीणा से पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा। इसके बावजूद व्यवस्था नहीं हुई। जहां जिला प्रमुख व सदस्यों की अधिकारियों से जमकर तकरार हुई। इसके बाद सभी ने साधारण सभा का सामूहिक रूप से बहिष्कार कर बाहर निकल गए।
इसके बाद सीईओ ने सदस्यों को मनाने कस प्रयास किया, लेकिन वे बहिष्कार कर निकल गए। बैठक में विधायक डीसी बैरवा, प्रधान प्रहलाद मीणा, सुल्तान बैरवा, दिनेश मीणा, सुनीता गुर्जर, जिला परिषद सदस्य नीलम गुर्जर, छोटूराम मीणा, ब्रजमोहन झूथाहेड़ा, कमला केसरा समेत अन्य सदस्य शामिल हुए।
जिला प्रमुख व सदस्य यह बोले
जिला प्रमुख हीरालाल सैनी ने कहा कि कई सदस्य पीने के लिए बार-बार पानी मांग रहे थे, लेकिन कर्मचारियों ने एक नहीं सुनी। जब जनप्रतिनिधियों के ही सुनवाई नहीं हो रही तो फिर बैठक का कोई औचित्य नहीं है।
सदस्य छोटूराम मीणा ने कहा कि जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। जिले में भाजपा के चार विधायक है ऐसे में उनको भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करानी चाहिए।
बोटल पहुंचने में देरी हो गई थी- सीईओ
सीईओ नरेंद्र मीणा ने कहा कि बैठक में सभी व्यवस्थाएं की गई थी, लेकिन पानी की बोटल देरी से पहुंची, इसे कुछ सदस्यों ने मुद्दा बना दिया। सदस्यों ने इसका विरोध जताते हुए बहिष्कार किया, लेकिन हमने समस्या का समाधान कर दिया, इसके बावजूद साधारण सभा नहीं हो सकी। सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों की पालना रिपोर्ट समय पर नहीं आने के सवाल पर कहा कि कुछ कमियां हो सकती हैं, जिन्हें दूर किया जाएगा।