दौसा। जिले की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने 38 लाख 80 हजार रूपए की ठगी के मामले में तीन आरोपियों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है। पकडे गए आरोपियों द्वारा स्वयं के बैंक में खाते खुलवाकर कमीशन बेस पर साइबर ठगी के रूपए लिए जाते थे। इस सम्बंध में 12 दिसम्बर को खुरी कलां निवासी हंसराज गुर्जर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
जिसमें बताया था कि 22 नवंबर को उसके मोबाइल पर कॉल आया कि मैं बैंक से निशान्त कुमार बोल रहा हूं। आपका बॉयोडाटा में अपडेट करना है। इसके बाद पीडित ने दौसा एक्सिस बैंक ब्रांच में कॉल कर जानकारी ली तो जानकारी सही होना बताया। इस पर पीडित को भरोसा हो गया कि कोई बैंक का कर्मचारी ही कॉल कर रहा है।
इसके बाद वाट्सअप कॉल आया और कहा कि भेजी गई पीडीएफ खोलकर बॉयोडाटा चैक कर लेना। पीडित ने पीडीएफ पर क्लिक किया तो वह नहीं खुला। थोडी देर बाद फिर कॉल आया और ऐसा कई बार हुआ। पीडित ने कॉल कट होने के बाद बैंक खाते का बैलेंस चेक किया तो बैलेन्स सेम था।
रिपोर्ट में बताया कि 10 दिसंबर को उसके पास किसी परिचित ने 50 हजार रूपए भेजे थे, जिनका मैसेज नहीं आने पर बैंक पहुंचकर सम्पर्क किया तो पता चला कि उनके अकाउण्ट से 22 नवंबर से 27 नवंबर के बीच में 38 लाख 80 हजार 112 रूपये निकल गये। इस दौरान उसके फोन पर ट्रांजेक्सन का कोई टेस्ट मैसेज या फोन बैंक से नहीं आया। जबकि इतना बडा ट्रांजेक्सन सिर्फ 6 दिन में हुआ और उसने नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, मोबाईल बैंकिंग आदि कोई भी ऑनलाइन सुविधा नहीं ले रखी थी।
पश्चिम बंगाल से पकडे आरोपी
डिप्टी एसपी बृजेश कुमार मीणा ने बताया कि मामले में कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंगाल के पश्चिम वर्धमान आसनसोल से आरोपी ईशान ठाकुर, थाना कुल्टी के सुंदरचौक से पारीजात घोष और निमटपुर से श्यामल रूईदास को गिरफ्तार किया है। ये भी बैंकों के लोन खाते हैक कर कमीशन बेस पर स्वयं के खातों में ट्रांजेक्शन करवाकर एटीएम से कैश निकाल लेते थे। इनकी गिरफ्तारी में साइबर थाने के कांस्टेबल भागसिंह, जगमालसिंह व मुरारीलाल की विशेष भूमिका रही।