जयपुर। जिले के SMS अस्पताल परिसर में बन रहे आयुष्मान टावर में बुधवार को अचानक आग लग गई। घटना की जानकारी मिलने पर फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पया। बताया जा रहा है कि बेसमेंट में लिफ्ट के वेल्डिंग का काम चल रहा था, इसी दौरान आग पकड़ ली।
घटना सुबह 10:20 बजे की है, जब घाटगेट कंट्रोल रूम को आग लगने की सूचना मिली थी। आग लिफ्ट के रास्ते होते हुए 22वीं मंजिल तक पहुंच गया। हालांकि कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया था। आग लगने के बाद धुआं करीब 2 किलोमीटर दूर दिखाई दे रहहा था। अस्पताल प्रशासन ने अभी तक आग लगने के कारणों पर कोई जानकारी नहीं दी हैं।
धुआं देख लोगों को लगा बड़ी आग लगी
फायर ब्रिगेड लेकर मौके पर पहुंचे LFM दीपक चंद ने बताया कि आयुष्मान टावर के बेसमेंट में लिफ्ट की वैल्डिंग का काम चल रहा था। इसी दौरान मौके पर रखा हुआ फाइबर ने आग पकड़ ली। इसके बाद आग का धुआं लिफ्ट के रास्ते होता हुआ टावर के टॉप तक चला गया। जिस से लोगों को लगा की बिल्डिंग में बडी आग लग गई हैं।
उन्होंने बताया कि आग केवल बेसमेंट और वहां रखे कबाड़ में लगी थी। घाटगेट कंट्रोल रूम को सुबह 10.20 पर बिल्डिंग में आग लगने की जानकारी मिली थी। इस पर छोटी गाड़ी लेकर मौके पर पहुंचे और बेसमेंट में जाकर आग को कंट्रोल किया। धुआं देख लोगों को लगा था आग बड़ी थी लेकिन ये बेसमेंट तक ही थी। उन्होंने बताया कि बिल्डिंग का काम अभी जारी है।
आईपीडी टावर से आयुष्मान टावर रख दिया था नाम
कांग्रेस सरकार में इसे आईपीडी टावर नाम दिया गया था। सरकार बदलने के बाद इसे आयुष्मान टावर नाम दिया गया। वहीं इसे पीपीपी मोड़ पर भी देने की तैयारी की जा रही है। सरकार करीब 600 करोड़ रुपए खर्च कर इसे बनवा रही है लेकिन संचालन के लिए हर माह करीब 100 करोड़ रुपए चाहिए। ऐसे में पीपीपी मोड पर देने का फैसला किया गया है। इसका काम कांग्रेस सरकार के शासन में शुरू हुआ था।
1200 बैड का होगा हॉस्पिटल
इस टावर में 1200 बैड (792 जनरल, 150 कॉटेज, 166 आईसीयू और 92 प्रीमियम रूम) होंगे। इसके अलावा 20 ऑपरेशन थिएटर के अलावा 100 ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर होंगे। इसके अलावा सिटी, एमआरआई, मेडिकल साइंस गैलेरी, फार्मेसी स्टोर, सेमिनार हॉल समेत अन्य कई सुविधाएं विकसित होगी।
यही नहीं यहां कई तरह की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीने लगाई जाएगी। इस बिल्डिंग में आने वाले मरीजों की सुविधा के लिए 16 लिफ्ट लगाई जाएंगी, जबकि दो मंजिल पर पार्किंग डवलेप होगी। इस पूरे प्रोजेक्ट को 2 फेज में पूरा किया जाएगा, जिस पर करीब 456.80 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
एक ही छत के नीचे होगी हार्ट की सभी बीमारियों का इलाज
इसी तरह हार्ट से संबंधित मरीजों का इलाज और यहां पढ़ाई करने वाले मरीजों के लिए एक नई यूनिट भी बनाई जाएगी। इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंस खोला जाएगा। 4 मंजिला इस बिल्डिंग में ओपीडी रूम, सिटी स्कैन-एमआरआई लैब, कार्डियक डायग्नोसिस, हीमेटोलोजी, रजिस्ट्रेशन काउंटर, 4 कैथ लैब, 3 ऑपरेशन थिएटर समेत अन्य सुविधाएं विकसित की जाएगी। इसके अलावा सबसे टॉप फ्लोर पर रिसर्च रूम और टीचिंग रूम बनाया जाएगा।