बाड़मेर। कलेक्टर टीना डाबी ने बाड़मेर में पद संभालने के बाद शहर की सूरत बदलने के लिए पहल करते हुए बड़े स्तर पर नवो बाड़मेर अभियान चलाया। इसके लिए बाड़मेर शहर के करीब एक दर्जन से ज्यादा भामाशाहों को सड़कें और चौराहे गोद दिए। यह स्वच्छता में बाड़मेर की रेटिंग सुधारने का प्रयास था।
अभियान की शुरूआत धमाकेदार हुई और 24 घंटे में रिकाॅर्ड काम करने और शहर की सड़कें और चौराहे चमकाने के काम भी हुए, लेकिन इसके बाद इसकी रफ्तार बंद सी हो गई है। हाल ये है कि जिन सड़कों और चौराहों को भामाशाहों की मदद से विकास के काम करवाने थे, उनमें कुछ भामाशाहों ने तो विकास के काम कम खुद की ब्रांडिंग ज्यादा की है। सौंदर्यकरण, स्वच्छता और विकास के नाम पर सड़कों पर कुछ जगह तो सिर्फ सफेद लाइन ही खींची गई, जबकि एक ही रोड पर खुद की ब्रांडिंग के 50-50 बोर्ड लगा दिए।
हाल ये है कि इसको लेकर जब विरोध हुआ तो 50 फीसदी ब्रांडिंग बोर्ड हटाए भी गए है, लेकिन अब भी बहुत ज्यादा बोर्ड लगे हुए है। कलेक्टर ने 21 से ज्यादा आरएएस और अन्य अफसरों की भी सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए लगाया था। अब हाल ये है कि सड़कें गंदगी से अटी है। नाले ओवरफ्लो होने के साथ ही पानी सड़कों पर बह रहा है। वार्डों और मुख्य चौराहों पर लगे डस्टबिन कचरे से भरे हुए है।
कलेक्ट्रेट से तनसिंह चौराहा रोड:फव्वारें बंद, डिवाइडर भी टूटा
यह सड़क माफी ग्रुप को गोद दी गई। इस सड़क पर विकास के नाम पर सिर्फ लाइनिंग की गई। तनसिंह सर्किल के अंदर फव्वारे बंद पड़े है। डिवाइडर टूटा हुआ है, जिसका रंग-रोगन भी नहीं किया गया है। इस डिवाइडर पर 55 से ज्यादा माफी ग्रुप की ब्रांडिंग के बोर्ड लगाए। विरोध के बाद 28 बोर्ड के पोल को हटाया।
कलेक्ट्रेट से मल्लीनाथ चौराहा
कलेक्ट्रेट से मल्लीनाथ सर्किल तक करीब 1 किमी. फोरलेन सड़क है। इस सड़क को संचल फोर्ट होटल ने गोद लिया। भामाशाह ने इस सड़क पर सौंदर्यीकरण के लिए लाइट के पोल पर फूल और अन्य काम भी करवाए है। प्राइवेट बस स्टैंड के पास सीसी सड़क, मल्लीनाथ सर्किल पर झाड़ियों की कटिंग, पौधे भी लगाए है।
अंबेडकर सर्किल पर ब्रांडिंग के 8 पोल लगाए, चौराहे की दीवार क्षतिग्रस्त
अंबेडकर सर्किल भी माफी ग्रुप ने गोद लिया। इस सर्किल के अंदर माफी ग्रुप की ब्रांडिंग के 8 पोल लगे हुए है। इन पर बड़े अक्षरों में खुद का नाम है, लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर इन पोल पर सिर्फ रंग-बिरंगी लाइटिंग के तार ही लपटे गए है। जबकि चौराहे की दीवार टूटी हुई है। एक बोर्ड पर वेल कम बाड़मेर लिखा है, लेकिन उससे बड़ा खुद के ग्रुप का डिजिटल बोर्ड लगाया।
रामूबाई स्कूल से शहीद चौराहा:विकास के नाम पर लाइनिंग की
रामूबाई से शहीद चौराहे तक करीब 1 किमी. फोर लेन सड़क है। इस सड़क पर 50 से ज्यादा माफी ग्रुप के बोर्ड लगाए गए। भामाशाहों की ब्रांडिंग को लेकर विरोध के बाद 25 बोर्ड तो हटा दिए, लेकिन अब भी एक किमी. में 25 बोर्ड लगे हुए है। यानि हर 40 मीटर पर माफी ग्रुप की ब्रांडिंग का बोर्ड है। यहां तक की कुछ जगह पौधे भी लगाए है, लेकिन उसकी जाली पर भी खुद की ब्रांडिंग बड़े अक्षरों में की गई है।
गांधीनगर: सड़क का डामरीकरण हुआ, सर्किल को भी सु़धारा
मैसर्स तनसिंह चौहान की ओर से गांधी नगर की सड़क को गोद लिया गया। भामाशाह जोगेंद्रसिंह ने करीब 200 मीटर तक डामर सड़क बनाई। सड़क पर साफ-सफाई, लाइनिंग करवाई गई। सीवरेज के टूटे ढक्कन और नाली और बड़े नाले की मरम्मत की गई । इस सड़क पर भामाशाह के दो बोर्ड लगे है, जिसमें एक शुरूआत में और एक अंत में है। भामाशाह ने अहिंसा सर्किल का भी सौंदर्यीकरण करवाया है।