अजमेर। अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन हॉस्पिटल के शिशु सर्जरी विभाग ने 5 साल के मासूम बच्चे के पेट में फंसी गोली को जटिल सर्जरी कर निकाल दिया है। बच्चा अभी भी डॉक्टर की निगरानी में आईसीयू में एडमिट है। हालांकि वह अब स्वस्थ है। बुधवार को इसकी जानकारी जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल सामरिया, उपअधीक्षक डॉक्टर अमित यादव और शिशु सर्जरी विभाग की डॉक्टर गरिमा अरोरा की ओर से दी गई।
प्रिंसिपल डॉ अनिल सामरिया ने बताया कि 25 जनवरी को 5 साल का एक बच्चा जेएलएन अस्पताल की इमरजेंसी में गंभीर हालत में लाया गया। बच्चे को गोली लगी थी जो दाएं तरफ की छाती से होते हुए पेट में पहुंच गई थी। फेफड़ों में चोट की वजह से छाती में हवा भर गई थी, सांस लेना मुश्किल हो रहा था और दूसरी और पेट में कितने अंगों को गोली ने क्षतिग्रस्त किया अंदाजा लगाना आसान नहीं था।
सामरिया ने बताया कि शिशु सर्जरी की टीम ने बच्चे को तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लिया एवं बच्चे की गंभीर स्थिति के बारे में उन्हें और अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरविंद खरे को अवगत करवाया। इसके बाद ऑपरेशन की टीम तुरंत प्रभाव के लिए गठन करने के निर्देश दिए थे।
4 घंटे चलाओ ऑपरेशन, निकाली गोली
शिशु सर्जरी विभाग की डॉक्टर गरिमा अरोरा ने बताया कि आपातकालीन स्थिति में बच्चे की छाती में आईसीडी डालकर हवा निकाली गई। तुरंत ऑपरेशन करने पर यह पाया गया कि पूरा पेट खून व पित से भरा हुआ था। गोली लीवर, पित्त की थैली वह छोटी आंत को चीरते हुए आईवीसी के पास रुक गई जो चिन्हित नहीं हो पा रही थी एवं निरंतर खून व पित्त बह रहा था।
अरोड़ा ने बताया कि इसी कारण सी-एमआरएम की मदद से गोली को डिओडिनम के चौथे हिस्से के पीछे पाया गया जो दोनों तरफ से क्षतिग्रस्त था। उसे रिपेयर करते हुए गोली को निकाल लिया। लिवर से बहते हुए खून की रोकथाम की गई और क्षतिग्रस्त गॉलब्लैडर को भी निकाला गया। तीन-चार घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बच्चे को सफल व सुरक्षित ऑपरेशन किया गया। नाजुक स्थिति को देखते हुए बच्चे को शिशु सर्जरी आईसीयू में शिफ्ट किया गया। 5 दिनों से बच्चा डॉक्टर की टीम की निगरानी में है। लेकिन वह अब स्वस्थ है। हालांकि अभी भी बच्चे को आईसीयू में ही रखा गया है।
कुत्तों को भगाने के लिए चलाई गोली पर परपोते को लगी
मीडिया प्रभारी डॉक्टर अमित यादव ने बताया कि इतनी छोटी उम्र में इस तरह का जटिल ऑपरेशन पूर्व में इस संस्थान में कभी नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि 25 जनवरी को बच्चों के परदादा ने कुत्तों को भगाने के लिए घर के बाहर एयर गन से फायर किया था। एयर गन से निकली गोली दीवार से टकराते हुए पर पोते के जाकर लग गई थी। जिससे वह वहीं पर बेसुध हो गया था।