डूंगरपुर। जिले में साक्षरता एवं सतत शिक्षा विभाग द्वारा नव भारत साक्षरता अभियान के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विजयाराजे सिंधिया ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यशाला में साक्षरता प्रेरक, शिक्षक और जनप्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की।
जिला साक्षरता अधिकारी भूपेंद्र सिंह देवला ने बताया कि इस वर्ष विभाग का लक्ष्य 18,000 असाक्षर लोगों को शिक्षित करना है। कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें बुनियादी साक्षरता के साथ-साथ डिजिटल तकनीक का ज्ञान भी दिया जाएगा, जिससे लोग दैनिक जीवन में मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरणों का प्रभावी उपयोग कर सकें।
नगर परिषद सभापति अमृत कलासुआ और भाजपा नेता बंशीलाल कटारा ने कार्यशाला में विशेष रूप से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी के कारण अभी भी हजारों लोग असाक्षर हैं।
नवभारत साक्षरता अभियान के तहत 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के असाक्षर व्यक्तियों को शिक्षित किया जाएगा। विभाग ने जिले में किए गए सर्वे में बड़ी संख्या में असाक्षर लोगों की पहचान की है और अब इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है। विभाग का उद्देश्य न केवल वार्षिक लक्ष्य को प्राप्त करना है, बल्कि डूंगरपुर को एक पूर्ण साक्षर जिला बनाना भी है।