हनुमानगढ़। जिले में दो केएनजे और सतीपुरा ग्राम पंचायतों को नगर परिषद में शामिल करने के विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जिला परिषद कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
ग्राम पंचायत दो केएनजे बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधि शेरसिंह शाक्य ने बताया कि राज्य सरकार की अधिसूचना के तहत जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित दो केएनजे को नगर परिषद में जोड़ा जा रहा है। यह ग्राम पंचायत मात्र 5 वर्ष पहले ही बनी थी और यहां के अधिकांश निवासी गरीब और मजदूर वर्ग से हैं, जो मनरेगा में काम करके अपना जीवन यापन करते हैं।
नगर परिषद में शामिल होने से मनरेगा मजदूरों को शहरी रोजगार योजना के तहत काम करने के लिए 5 किलोमीटर दूर शहर जाना पड़ेगा। साथ ही छोटे-छोटे दस्तावेजों के लिए भी नगर परिषद का चक्कर लगाना पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में पंचायत में विकास कार्य तेजी से हुए हैं, लेकिन नगर परिषद में शामिल होने से खुंजा, सुरेशिया और बरकत कॉलोनी की तरह विकास कार्य रुक सकते हैं।
ग्रामीणों की एक बड़ी चिंता बिजली बिलों में वृद्धि को लेकर भी है। नगर परिषद में शामिल होने से बिजली दरें बढ़ जाएंगी, जिससे गरीब परिवारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने इन सभी मुद्दों को लेकर जिला प्रशासन से ग्राम पंचायत को नगर परिषद में शामिल करने के निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है।
इस मामले में ग्रामीणों की ओर से जिला कलेक्टर के समक्ष लिखित में आपत्तियां भी दर्ज करवाई गई हैं। उन्होंने मांग की कि ग्राम पंचायत दो केएनजे और सतीपुरा को नगर परिषद में शामिल न करने का आदेश दिया जाए। इस मौके पर भूपेन्द्र, कुलदीप, विनोद कुमार, गंगाराम, अशोक कुमार, हरनेक सिंह, सोनू सहित कई अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।