Explore

Search

February 3, 2025 9:16 pm


लेटेस्ट न्यूज़

12वीं सदी की दुर्लभ अग्निदेव मूर्ति की मिली : PWD गोदाम में उपेक्षित पड़ी कलाकृति को संग्रहालय में स्थानांतरित करने की मांग

Picture of Pankaj Garg

Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

झालावाड़। जिले में एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज के संरक्षण को लेकर स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाई गई है। पर्यटन विकास समिति झालावाड़ ने सोमवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर पुराने पी.डब्ल्यू.डी. गोदाम में स्थित एक प्राचीन देवमूर्ति को स्थानीय संग्रहालय में स्थानांतरित करने की मांग की है।

समिति के संयोजक ओम पाठक ने बताया कि यह बेशकीमती मूर्ति वर्षों से गोदाम के कुएं के पास उपेक्षित अवस्था में पड़ी है। मौसम के प्रभाव से मूर्ति की कलाकृति क्षतिग्रस्त हो रही है और खुले में होने के कारण मूर्ति चोरी का भी खतरा बना हुआ है।

इतिहासकार और समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ललित शर्मा के अनुसार, यह दुर्लभ मूर्ति दिक्पाल अग्निदेव की है, जो प्राचीन काल में किसी मंदिर की दक्षिण-पश्चिम दिशा (आग्नेय कोण) में स्थापित थी। मूर्ति की विशेषता यह है कि इसमें अग्निदेव की दाढ़ी में एक विशेष गठान है, जो अग्नि की ज्वाला को नियंत्रित करने का प्रतीक माना जाता है। कला-शैली के आधार पर यह मूर्ति लगभग 12वीं सदी की मानी जा रही है। मूर्ति दो स्तंभ रथिकाओं के बीच निर्मित है और इसके चारों ओर सुंदर अप्सराओं की आकृतियां उकेरी गई हैं।

 

Author: JITESH PRAJAPAT

Leave a Comment

Ads
Live
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर