कोटा। कोटा संभाग के सबसे बड़े एमबीएस हॉस्पिटल में घायल युवक के इलाज में लापरवाही सामने आई है। सड़क हादसे में घायल के हाथ में प्लास्टर करते हुए ब्लेड अंदर ही छोड़ दी गई। इसका पता 7 दिन बाद पता चला। जब वह पक्का प्लास्टर करवाने गया था। युवक का कहना है कि इससे इंफेक्शन हो सकता है।
मरीज जाकिर (30) ने बताया- मेरी स्टेशनरी की दुकान है। मैं सात दिन पहले दुकान के काम से केशवपुरा इलाके में जा रहा था। एक कार वाले ने अचानक कार का गेट खोल दिया। इससे मेरी बाइक टकरा गई और मैं नीचे गिर गया था। तब एमबीएस हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाने गया था। जांच में हाथ के ऊंगली में फैक्चर आया था। इस पर नर्सिंग स्टाफ ने हाथ में प्लास्टर बांधा था। आज दोबारा पक्का प्लास्टर बंधवाने गया था। डॉक्टर ने एक्सरे करवाने के लिए कहा। एक्स-रे रिपोर्ट में नजर आया कि प्लास्टर के अंदर प्लास्टर काटने वाली ब्लेड नर्सिंग स्टाफ ने छोड़ दी थी। डॉक्टर ने दोबारा प्लास्टर काटकर ब्लेड को बाहर निकाला। ऐसी लापरवाही से हाथ में इन्फेक्शन भी हो सकता था।
युवक ने बताया- नर्सिंग स्टाफ ने दोबारा कच्चा प्लास्टर बांध दिया था। तब डॉक्टर ने नर्सिंग स्टाफ को फटकार लगाई थी। इस पर स्टाफ ने पक्का प्लास्टर बांधने से मना कर दिया। डेढ़ से 2 घंटे तक डॉक्टर और स्टाफ के ही चक्कर लगाता रहा। मीडिया के पहुंचने के बाद में डॉक्टर ने पक्का प्लास्टर बांधा गया। मामले को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर से जब हमने बात करनी चाहिए। उन्होंने मामले में बोलने से मना कर दिया।