डूंगरपुर। जिले की चिखली पंचायत समिति में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) की प्रधान शर्मिला ताबियाड के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बुधवार को खारिज हो गया। पार्टी के अपने ही 6 सदस्यों द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान कुल 17 सदस्यों में से केवल 6 सदस्य ही उपस्थित रहे।
चिखली उपखंड अधिकारी मनसुख डामोर के अनुसार, 30 दिसंबर 2024 को बीएपी के 6 सदस्यों ने प्रधान के विरुद्ध जिला परिषद सीईओ को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था। दोपहर 1 से 2 बजे तक आयोजित वोटिंग में बीएपी के 12, भाजपा के 4 और कांग्रेस के 1 सदस्य में से केवल बीएपी के 6 सदस्य ही शामिल हुए। तीन-चौथाई सदस्यों की अनुपस्थिति के कारण प्रस्ताव स्वतः ही खारिज हो गया।
इस अविश्वास प्रस्ताव की पृष्ठभूमि में चौरासी विधानसभा उपचुनाव का मामला है, जहां प्रधान के पति बदामीलाल ताबियाड ने बीएपी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसी कारण पार्टी के कुछ सदस्यों ने प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया। वोटिंग के दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। प्रस्ताव खारिज होने के बाद प्रधान शर्मिला ताबियाड ने राहत की सांस ली है।