दौसा। एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य स्तर से आए ट्रेनर अंजना गौर ने एनीमिया के कारण, उसके उपचार एवं बचाव के उपाय तथा आयरन अनुपूरक देने के तरीके और इसकी रिपोर्टिंग से संबंधित प्रशिक्षण दिया। रीजनल कोऑर्डिनेटर रवि जैन ने बताया कि ब्लॉक स्तर पर भी आपस में समन्वय स्थापित कर एक मीटिंग का आयोजन करें एवं दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करें। आमुखीकरण के दौरान प्री और पोस्ट टेस्ट भी कराया गया।
डिप्टी सीएमएचओ एवं नोडल अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के तहत अब बच्चों, किशोर-किशोरीयों, प्रजनन उम्र की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं में एनीमिया की दर कम करने के लिए प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को शक्ति दिवस के रूप आयोजित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि इसकी दर को कम करने के लिए सभी लाभार्थियों को आईएएफए दवाइयों की उपलब्धता को सुनिश्चित की जाए। कार्यशाला में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी शामिल हुए।
ऐसे मनेगा शक्ति दिवस
डिप्टी सीएमएचओ डॉ. महेंद्र सिंह गुर्जर ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र में 6 माह से 59 माह तक के बच्चों, 5 से 9 वर्ष तक के स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों, 10 से 19 वर्ष की स्कूल नहीं जाने वाली किशोरी बालिकाओं, 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाओं, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को आशा द्वारा मोबिलाईज कर शक्ति दिवस के दिन केन्द्र पर ले जाया जाएगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा महिलाओं एवं बच्चों को थकान, भूख ना लगना, नाखूनों का सफेद होना, जीभ पर सफेद परत का होना जैसे कुछ सामान्य लक्षणों के आधार पर एएनएम के माध्यम से अनिमिया की जांच करवाई जाती है। साथ ही आवश्यकता होने पर स्वास्थ्य केन्द्रों पर रेफर करती हैं, जिससे अनिमिया का तुरंत इलाज किया जा सके।