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February 6, 2025 5:55 pm


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नाबालिग से रेप के दोषी मौसा को मृत्यु तक जेल : कोर्ट की टिप्पणी- पीड़िता ने अत्यंत मानसिक वेदना और सामाजिक तिरस्कार सहा, जिसे शायद कभी नहीं भूल पाए

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

सिरोही। नाबालिग से रेप के दोषी मौसा को सिरोही पॉक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास (मृत्यु तक) की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए लिखा- आरोपी पीड़िता का मौसा होते हुए अपनी काम वासना को पूर्ण करने के लिए उसका किडनैप कर इच्छा के विरुद्ध एक से अधिक बार रेप किया।

इससे नाबालिग पीड़िता को न केवल गंभीर मानसिक आघात पहुंचा है, बल्कि स्वाभाविक तौर पर अत्यंत मानसिक वेदना और सामाजिक तिरस्कार भी सहन किया है, जिसे शायद वह कभी नहीं भूल पाएगी।

लोक अभियोजक मोहन सिंह देवड़ा ने बताया कि जिले के एक पुलिस थाने में पीड़िता के पिता ने 24 फरवरी 2024 में मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट में बताया कि वह एक कृषि कुएं पर काम करता है। उसके परिवार में उसकी पत्नी, दो लड़के और तीन बेटियां हैं। सबसे छोटी बेटी 9वीं क्लास में पढ़ती है। 22 फरवरी 2024 को प्रतिदिन की तरह सुबह 9:30 बजे उसका बेटा और बेटी स्कूल जाने के लिए निकल गए। उसका बेटा स्कूल चला गया, लेकिन बेटी थोड़ी पीछे थी और स्कूल नहीं पहुंची। इस दौरान उसका साढू बाइक लेकर आया और उसकी बेटी को बहला फुसलाकर अपने साथ सुंधा माता ले गया। कुछ दिन में कैमरों से पता चला कि उसकी बेटी के साथ आरोपी ने फोटो भी खिंचवाए हुए हैं। आरोपी आदतन गंदी नियत और बदमाश प्रवृत्ति का व्यक्ति है।

एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया

बेटी की इधर-उधर तलाश करने में देरी होने के कारण वे लोग विलंब से रिपोर्ट दे रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। सिरोही पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ठ जज अनूप कुमार पाठक ने दोनों पक्षों की बहस सुनी। लोक अभियोजक मोहन सिंह देवड़ा की तरफ से पेश किए गए तथ्यों से सहमत होते हुए आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास ( शेष प्राकृत जीवन काल के लिए) की सजा सुनाई। साथ ही अलग-अलग धाराओं में 50-50 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है। इसके साथ ही नाबालिग को 5 लाख की राशि दिलवाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिए लिखने के लिए कहा है।

कोर्ट ने की टिप्पणी

इस मामले में सुनाए गए फैसले में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए लिखा है कि आरोपी पीड़िता का मौसा होते हुए अपनी काम वासना को पूर्ण करने के लिए उसका किडनैप कर इच्छा के विरुद्ध एक से अधिक बार रेप किया। इससे नाबालिग पीड़िता को न केवल गंभीर मानसिक आघात पहुंचा है, बल्कि स्वाभाविक तौर पर अत्यंत मानसिक वेदना और सामाजिक तिरस्कार भी सहन किया है, जिसे शायद वह कभी नहीं भूल पाएगी।

Author: JITESH PRAJAPAT

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