हनुमानगढ़। जिले में एक वायरस से पांच दिन में भाई-बहन सहित 3 बच्चों की मौत गई। संपतनगर गांव में एक ही परिवार के दो बच्चों की रहस्यमय मौत से इलाके में दहशत का माहौल है। बुखार, खांसी और जुकाम के शुरुआती लक्ष्ण बच्चों में दिखे थे। बीते 5 दिन में तीन मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने गांव में सर्वे का काम शुरू किया है। बुजुर्गों को ऐसे लक्ष्णों वाले बच्चों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
अलग-अलग दिन हुई बच्चों की मौत
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि को इस वायरस से 9 वर्षीय आरुषि और 11 वर्षीय विकास की मौत हुई है। रविवार को आरुषि को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां देर रात उसकी मौत हो गई। इसी दौरान उसके भाई विकास की भी तबीयत बिगड़ी। विकास को हनुमानगढ़ के दो निजी अस्पतालों से श्रीगंगानगर और फिर बीकानेर के पीबीएम अस्पताल रेफर किया गया। जहां इलाज के दौरान बुधवार को उसने भी दम तोड़ दिया। चिंताजनक बात यह है कि इसी तरह के लक्षणों से नई खुंजा की शिवानी (12) पुत्री गोवर्धन की भी मौत हो चुकी है।
टिब्बी क्षेत्र की बच्ची परी की भी पीबीएम अस्पताल बीकानेर में गंभीर हालात बनी हुई है। परिवार के मुताबिक शुरुआत में बच्चों का स्थानीय डॉक्टर से इलाज करवाया गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। जब तक बच्चों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, तब तक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी।
दूसरे भाई के बच्चों में भी संक्रमण के लक्षण
संपतनगर गांव में राकेश के दो बच्चों की मौत के बाद परिवार में चिंता का माहौल है, क्योंकि राकेश के भाई ताराचंद के दोनों बेटों आकाश और साहिल में भी संक्रमण के लक्षण दिखाई देने लगे हैं।
इस वजह से परिवार बेहद चिंतित है। दो बच्चों की मौत की सूचना मिलने के बाद हनुमानगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने गांव में तत्काल सर्वे करना शुरू कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने मृतक बच्चों के परिवार से सैंपल लिए और आसपास की ढाणियों से भी सैंपल एकत्र किए।
सीएमएचओ बोले- दोबारा सैंपल भेजे गए हैं
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा है, एक जांच रिपोर्ट भी प्राप्त हुई है, जिसमे इन्फ्लुएंजा बी की पुष्टि हुई है। फिर भी दोबारा सैंपल भेजे गए हैं क्योंकि इस वायरस से मौत नहीं होती है।
अगर मौत इसी से हुई है तो चिंता का विषय हैं। इसके साथ ही, उन्होंने आमजन से अफवाहों से बचने की अपील की और बताया कि ऐसे लक्षण दिखने पर बच्चों और बुजुर्गों को क्वारंटाइन रहने की सलाह दी गई है।