जोधपुर। जोधपुर रेंज की स्पेशल साइक्लोनर टीम ने दिनदहाड़े हुई हत्या के मामले में फरार मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर तत्कालीन पाली रेंज आईजी की ओर से 50000 का इनाम भी घोषित किया गया था। टीम ने इस बार 75वीं कार्रवाई को अंजाम दिया। आरोपी स्कॉर्पियो से अवैध शराब तस्करी के वाहनों को एस्कॉर्ट करते हुए शराब तस्करी के धंधे में उतरा।
जानकारी देते हुए रेंज IG विकास कुमार ने बताया कि ऑपरेशन रानीहंता के तहत प्रकाश शेखानी (30) पुत्र रघुनाथ राम निवासी गुड़ामालानी को पकड़ा गया। साल 2023 के अगस्त माह में लक्ष्मण देवासी की हत्या कर दी गई थी। दिनदहाड़े उसकी हत्या कर दी गई थी। जिसका आरोपी मुख्य सूत्रधार था। टीम ने बुधवार देर शाम टीम ने कर्नाटक के उत्तरी कन्नड़ जिले के सिरसी कस्बे से टीम ने पकड़ने में सफलता हासिल की।
स्कॉर्पियो चलाने का शौक
आरोपी कक्षा दस की पढ़ाई कर चुका है। इसके बाद पढ़ाई छोड़ दी। उसके परिवार के पास 100 बीघा जमीन है, लेकिन खेती में मुनाफा अधिक नहीं होने पर उसके परिवार ने स्टील रेलिंग का काम सीखने के लिए व्यापारियों के पास भेजा। स्टील रेलिंग का काम सीखने के दौरान आरोपी को स्कॉर्पियो गाड़ी से प्रेम हो गया। आरोपी स्कॉर्पियो चलाना सीख गया और उसे तेज स्पीड में चलाने और स्टैंड बाजी करने लगा। इसके बाद नशे का काम शुरू कर दिया।
उस समय शराब कारोबारियों ने उसकी स्कॉर्पियो चलाने की कला को देखकर उसे शराब के धंधे में उतार दिया। शुरुआत में आरोपी अवैध शराब तस्करी करने वाली गाड़ियों का एस्कॉर्ट करता था उसके बाद खुद इस धंधे में उतर गया। उसी क्रम में उसकी इसी कारोबार से जुड़े लक्ष्मण देवासी से दुश्मनी हो गई थी। इस पर आरोपी ने यूपी ओर हरियाणा से शूटर बुलाकर दिनदहाड़े उसकी हत्या करवा दी थी। इस मामले के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था।
फलोदी पुलिस ने पकड़ा था ट्रक
इसके बावजूद आरोपी के अवैध शराब का काम चोरी छिपे चलता रहा। इसी बीच साल 2024 फरवरी मार्च माह में फलोदी जिले की भोजासर थाना पुलिस ने एक ट्रक अवैध शराब की कार्रवाई की थी। इस मामले में आरोपी को नामजद किया गया था। इसके बाद आरोपी साइक्लोनर टीम के डर से फरार हो गया।
पापों का करने लगा प्रायश्चित
फरारी के बाद आरोपी को अपने पिता की सलाह याद आई और खुद को अपराध की दुनिया से दूर करने के लिए प्रायश्चित करने लगा। इसके लिए पिछले एक साल में जम्मू कश्मीर के रघुनाथ मंदिर, हिमाचल के शक्तिपीठ, पंजाब के स्वर्ण मंदिर, काशी विश्वनाथ, उज्जैन महाकाल, आसाम के कामाख्या मंदिर, रामेश्वरम सहित अलग अलग राज्यों के मंदिरों में जाकर अपने पापों का प्रायश्चित करने लगा। हर मंदिर में आरोपी 7 दिन तक रुकता था। आरोपी अकेले ही स्कॉर्पियो से पूरे भारत के मंदिर घूमता रहा।
आरोपी पुलिस से बचने के लिए लिए मोबाइल भी यूज नहीं करता था और अपने घरवालों से भी बात नहीं करता था लेकिन भारत घूमने के दौरान उसके पास पैसों की तंगी आने लगी। तब आरोपी अपने पुराने मित्रों के संपर्क में आया। इसी बीच आरोपी की एक करीबी मित्र को साइक्लोनर टीम ने संपर्क में लिया। उसी मित्र के माध्यम से टीम की आरोपी के नंबर मिले। जिसकी लोकेशन हुबली में आई।
महिला मित्र के जरिए मिला सुराग
टीम ने हुबली में उस व्यक्ति को ढूंढा जिस व्यक्ति के फोन से आरोपी ने अपनी महिला मित्र से बात की थी टीम ने उससे मिले इनपुट के आधार पर स्कॉर्पियो में आरोपी की पहचान हुई। इसके बातिम आरोपी को पकड़ने में जुड़ गई टीम ने आरोपी की स्कॉर्पियो का हुबली से पीछा करना शुरू किया हुबली से दावणगिरी होते हुए सिरसी पहुंच गया।
यहां टीम ने स्टील की रेलिंग, फर्नीचर का काम करने वाले राजस्थान के लोगों की पहचान की। उनसे संपर्क कर आरोपी का पता लगाया। आखिरकार उसकी लोकेशन मारुति स्टील वर्क में मिला जहां से आरोपी को साइक्लोनर टीम ने कन्नड़ पुलिस के सहयोग से पकड़ लिया। इसके बाद उसे जोधपुर लाया गया।
रेंज आईजी ने बताया कि आरोपी पुलिस से बचने के लिए अलग-अलग जगह पर रह रहा था जिस जगह पर रहता था वहां पर भगवान के नाम से ही अलग-अलग नाम रख लेता था। जब टीम ने इसकी हुबली में पहचान की तो पता चला कि आरोपी हुबली में नारायण नाम से रह रहा है।