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March 14, 2025 5:58 pm


गैरकानूनी पंचायत का आतंक : वृद्ध किसान से जबरन वसूली, समाज से किया बहिष्कृत

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

समाज के पंचों के खिलाफ थाने में हुआ मामला दर्ज

पाली। जिले के चण्डावल थाना क्षेत्र में एक गैरकानूनी पंचायत ने 62 वर्षीय किसान मांगुखां से जबरन 11,000 रुपये वसूले और उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 143 (गैरकानूनी सभा) और 384 (जबरन वसूली) के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला

मांगुखां, निवासी खेजड़ली, तहसील लूणी, जिला जोधपुर, ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी पुत्री रुकसाना का निकाह 5 मई 2015 को फिरोज खां से हुआ था। ससुराल में प्रताड़ना के चलते 15 जून 2021 को मुस्लिम शरीयत के अनुसार तलाक हो गया, लेकिन उसकी नाबालिग बेटी रेहाना अपनी मां के पास ही रही।

गैरकानूनी पंचायत ने डाला दबाव

27 मई 2023 को राजस्थान तेली तिरेपन गौत्र आम चौरासी संस्था, चण्डावल नगर, पाली के सदर शफी मोहम्मद तंवर और सचिव दिलदार अली ने मांगुखां को नोटिस जारी कर रेहाना को उसके पिता के सुपुर्द करने का दबाव बनाया। 4 जून 2023 को पंचायत की बैठक बुलाई गई, जिसमें समाज के कई पंचगण शामिल हुए। जब मांगुखां ने अपनी नाबालिग नातिन को पिता को सौंपने से इनकार किया, तो पंचायत ने उसे धमकाते हुए 11,000 रुपये का दंड लगाया।

जबरन वसूली और बहिष्कार

मांगुखां ने बताया कि जब उसने तुरंत पैसे देने में असमर्थता जताई, फिर भी दबाव बनाकर उसके पुत्र फारूख से फोन-पे के माध्यम से समाज के कोषाध्यक्ष निज़ामुद्दीन उदलियावास के खाते में 11,000 रुपये जमा करवा लिए। इसके बावजूद, पंचायत ने रेहाना को पिता के हवाले करने का आदेश दिया और मांगुखां को समाज से बहिष्कृत कर दिया। बहिष्कार के कारण समाज के लोग, यहां तक कि उसके अपने रिश्तेदार भी, उससे कोई संपर्क नहीं रख रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई

14 फरवरी 2025 को मांगुखां ने चण्डावल थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस ने धारा 143 और 384 के तहत 14 आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

समानांतर न्याय व्यवस्था पर सवाल

इसी संस्था के इन्हीं पदाधिकारियों द्वारा पूर्व में यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम आदित्यनाथ योगी के समर्थन में एक पोस्ट शेयर करने पर तेली समाज ने बीजेपी के युवा नेता दिलदार खान साहु को भी बहिष्कृत किया था। यह मामला उन गैरकानूनी पंचायतों और समानांतर न्याय व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, जो अपने फैसले थोपकर आम नागरिकों को प्रताड़ित कर रही हैं। अब देखना होगा कि क्या पुलिस दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेगी।

Author: JITESH PRAJAPAT

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