नागौर। जिले के सदर थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग – 62 स्थित चिमरानी फांटा से एक निजी बस के परिचालक विजेंद्र कुमार शर्मा का अपहरण कर नाक पर घातक हमला करने व उसके साथ रास्ते में गंभीर मारपीट करने के मामले की जांच अब सीआईडी (सीबी) करेगी।
आरोप है कि नागौर पुलिस ने इस मामले में ना तो सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया और ना ही निष्पक्ष जांच की। ऐसे में अगर सीआईडी (सीबी) की जांच में नागौर सदर थाना पुलिस के संबंधित जांच अधिकारी व अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि बलाया निवासी महेंद्र शर्मा ने एक युवती से लव मैरिज की थी। इससे नाराज लडकी के घरवालों ने सदर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन युवती ने महेंद्र के साथ रहने की इच्छा जाहिर की तो पुलिस ने गुमशुदगी केस को खारिज कर दिया। इसी बात से नाराज युवती के परिवार वालों ने रंजिश पाल ली थी। 18 मई 2024 को दोपहर में कुछ युवकों ने चिमरानी फांटा के पास महेंद्र के भाई कंडक्टर विजेंद्र शर्मा को बस से उतारा और उसका अपहरण कर ले गए थे। सूचना मिलने पर पुलिस ने आरोपियों का पीछा किया। रास्ते में आरोपियों ने विजेंद्र के साथ मारपीट की तथा नाक पर घातक हमला किया। पुलिस ने पीछा किया तो आरोपी घायक विजेंद्र को भेड़ गांव के पास सुनसान जगह पर पटककर भाग गे।
पुलिस ने पीड़ित का खींवसर के अस्पताल में प्राथमिक उपचार करवाया और बाद में उपचार के लिए जोधपुर ले गए। इस संबंध में विजेंद्र ने सदर थाने में मामला दर्ज कराया था। जिसमें कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि कुछ को छोड़ दिया। उधर, कुछ समय बाद युवती ने पीहर पक्ष के साथ मिलकर महेंद्र शर्मा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार अजमेर रेंज आईजी ने इस प्रकरण को गंभीर मानते हुए गहनता से अध्ययन किया तो जांच में कई गड़बड़ी मिली। इसके बाद उन्होंने विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट जयपुर भेजी। रिपोर्ट पर संज्ञान लेते लेकर डीजीपी ने मामले की आगे की जांच सीआईडी (सीबी) को सौंपी है। अजमेर रेंज डीआईजी ओमप्रकाश ने कहा कि ये एक गंभीर प्रकृति का अपराध है। प्रकरण में पुलिस मुख्यालय ने सीआईडी (सीबी) शाखा को जांच सौंपी है। दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ जयपुर सतर्कता शाखा कार्रवाई करेगी।