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July 4, 2025 8:02 pm


अवैध खनन में अफसरशाही मेहरबान, चारागाह भूमि पर अवैध खनन कर पशुओं के निवाले को छिन रहे भूमाफिया, खनिज विभाग की बड़ी कार्यवाही के बाद भी क्षेत्र में फिर से अवैध खनन करने की सुगबुगाहट

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

बिजौलिया, बलवंत जैन। मांडलगढ़ विधानसभा के बिजौलिया उपखण्ड क्षेत्र में मूकबधिर मासूम जानवरों के लिए आरक्षित चारागाह भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा अवैध खनन करना इन दिनों कोई आम बात नहीं है। उपखंड क्षेत्र में प्रभावशाली नेता और उनकी शरण पाकर फलफूल रहे उनके नुमाइंदे बेखौफ होकर चारागाह भूमि को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सोचनीय विषय यह है कि क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर वर्षों से बिजौलिया खनिज विभाग के नाक के नीचे हो रहे अवैध खनन की पूर्ण जानकारी के बाद भी जिला और बिजौलिया खनिज विभाग द्वारा अवैध खनन में लीन संबधित व्यक्ति पर कठौर कार्यवाही क्यों नहीं की गई। विदित रहे कि 6 फरवरी को मांगीलाल का झोपड़ा के स्थानीय लोगों ने अवैध खनन कर्ताओं के खिलाफ मोर्चा खोला और चारागाह में अवैध सेंड स्टोन के दोहन को लेकर खनिज विभाग में आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके उपरांत जिले की विजिलेंस टीम और बिजौलिया खनिज विभाग की टीम के द्वारा नयानगर में संयुक्त कार्यवाही को अंजाम दिया गया था। और मौके पर नयानगर की आराजी 186 बिलानाम जमीन पर सेंड स्टोन का अवैध खनन करते हुए पाए जाने पर कार्यवाही में 13 वाहन जब्त कर 1 करोड़ 47 लाख 33 हजार 500 रुपए का पंचनामा बनाया गया था। अवैध खनन कर्ताओं के द्वारा 5 बीघा क्षेत्रफल में भारी मात्रा में अवैध खनन करना पाया गया था। उक्त विभागीय कार्यवाही से भूमाफियों में अल्प समय के लिए हड़कंप तो मचा लेकिन विधानसभा क्षेत्र के एक प्रभावशाली नेता के अधिकारियों में दबदबे के चलते मात्र वाहन जब्त कर एवं पंचनामा बनाकर मात्र खाना पूर्ति की गई। जानकारी में सामने आया कि जब्त वाहन पुलिस थाने में खड़े है। और बनाए पंचनामे की राशि भी अभी तक जमा नहीं कराई गई। वाहन चालकों ने फिलहाल न्यायालय की शरण ली है। नयानगर क्षेत्र में अवैध खनन पर हुई थोथी कार्यवाही इस बात का प्रमाण है कि अफसरशाही नेताओं पर खुले आम मेहरबान हैं। खेर अवैध खननकर्ताओं में इस बात को लेकर सुगबुगाहट है कि कुछ दिनों के इंतजार के बाद फिर से आपसी तालमेल से अवैध खनन अपनी चरम सीमा पर पहुंचने को तैयार होगा। इस में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अवैध खनन करने वालों ने चार वर्षों से चारागाह भूमि को उजाड़ने के साथ खनिज विभाग एवं राज्य सरकार को भी करोड़ों रुपयों का राजस्व नुकसान पहुंचाया है। हालांकि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ थाना पुलिस में भी मामला दर्ज कराया गया था। किंतु मजेदार बात यह है कि विधानसभा क्षेत्र में अपने निकटतम व्यक्तियों के साथ विगत चार साल से चारागाह भूमि पर कौन नजर टीकाकार अवैध खनन कर रहा है। इस बारे मे गहनता से न तो पुलिस छानबीन कर पाई और ना ही खनिज विभाग किसी के खिलाफ कार्यवाही कर पाया है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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