पाली। जिले में बेटे की मौत के 2 दिन बाद मां की सदमें में मौत हो गई। पिता की भी करीब 17 साल पहले मौत हो चुकी है। ऐसे में अब 23 और 26 साल की 2 बहनें बेसहारा हो गई। दोनों बहनें मां के शव से लिपटकर रोती नजर आई। बोली कि मां-भाई दोनों छोड़कर चले गए अब उनका क्या होगा। दरअसल पाली शहर के सर्वोदय नगर में रहने वाले 34 साल के विमल पुत्र मोहनलाल पिछले तीन-चार महीने से सांस की समस्या से बीमार थे। 25 फरवरी को उनकी ज्यादा तबीयत बिगड़ी तो परिजन बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बेटे की मौत से उनकी मां 58 साल तीजादेवी को गहरा सदमा लगा। इसके चलते उनकी भी 27 फरवरी की रात करीब 10 बजे अचानक तबीयत खराब हो गई। उन्हें इलाज के लिए पाली के बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां उपचार के दौरान उनकी भी मौत हो गई। महज 2 दिन के अंतराल में मां-बेटे की मौत होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
मृतका तीजा देवी के भांजे केवलचंद चौहान जैतारण ने बताया कि उनके मौसा मोहनलाल की वर्ष 2007 में बीमारी के कारण मौत हो गई थी। ऐसे में मौसी तीजा देवी ने मजदूरी कर बेटे विमल और 4 बेटियों शीला, शारदा, अरूणा, मनीषा का पालन पोषण किया। शीला और शारदा की शादी उन्होंने कर दी थी। लेकिन 23 साल की अरूणा और 26 साल की मनीषा अभी अविवाहित है। मां और भाई की मौत से दोनों बहनें बेसहारा हो गई है। दोनों बहने मां के शव से लिपट कर एक ही बात बोल रही है कि अब उनका क्या होगा। पापा के बाद अब मां और भाई भी दुनिया छोड़ चले गए। मृतक विमल की शादी हो चुकी थी, लेकिन उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। मृतका तीजा देवी के जवाई रमेश चौहान ने बताया कि उनकी सास तीजा देवी को हार्ट की समस्या थी। 14 फरवरी को जोधपुर के कृष्णा हॉस्पिटल में उनके हार्ट का ऑपरेशन करवाया गया था। जिसमें 2 स्टैंट लगवाए गए। 25 फरवरी को विमल की मौत के बाद से वे परेशान थी। रो-रो कर उनका बुरा हाल हो गया था। बेटे के सदमे में उनकी भी तबीयत बिगड़ गई और 27 फरवरी की रात को बांगड़ हॉस्पिटल में उपचार के दौरान उनक भी मौत हो गई।