उदयपुर। उदयपुर आईजी राजेश मीणा की गाडी के आगे नशे में ट्रक चलाने के मामले में गिरफ्तार ड्राइवर की हालत एमबी हॉस्पिटल में गंभीर बनी हुई है। पुलिस कस्टडी में जाने के बाद से डाइवर नारायण सेन की हालत इतनी बिगड़ती गई कि आज वह खुद के दोनों पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा। ना ही ठीक से बातचीत कर पा रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि उसे पेरालिसिस हो चुका है। पीड़ित के पैर पर गहरे घाव हैं और कंधों पर भी चोट के निशान है। पुलिस का कहना है कि नशे में गिरने से उसके शरीर में चोट लगी थी। वहीं, घायल नारायण की पत्नी आशा सेन का आरोप है कि पुलिस ने उसके पति को महज शराब पीकर ट्रक चलाने के जुर्म में टॉर्चर करते हुए बेरहमी से पीटा है। पति की हालत खड़े होने लायक नहीं बची है। पति को 24 फरवरी को पुलिस ने पकड़ा था और 25 फरवरी को हमें बिना सूचना दिए भी जेल भिजवा दिया। ताकि जमानत नहीं करा सकें। जेलर ने पति की हालत देखकर जेल में रखने से मना कर दिया और हॉस्पिटल में भर्ती कराने को कहा। तब पुलिस ने आनन-फानन में पति को राजसमंद के आरके हॉस्पिटल में भर्ती कराया। तब दूसरे दिन शाम को पुलिस ने ट्रक मालिक को सूचना दी। तब हमें पता लगा। अब पुलिस लगातार पति की जमानत का दबाव बना रही है।
घटना 24 फरवरी की है। जब उदयपुर आईजी राजेश मीणा राजसमंद विजिट पर थे। कुंवारिया से नाथद्वारा आते वक्त हाईवे पर आईजी अपनी गाडी में जा रहे थे जिसे पुलिस एस्कॉर्ट कर रही थी। तभी एक ट्रक आईजी की गाडी के सामने चल रहा था। पुलिस का कहना है कि बेतरतीब तरीके से ट्रक चलाते देख आईजी ने ट्रक चालक को आगे रुकवाने को कहा था। इस पर पुलिस ने चालक को आगे रोका। फिर उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल करवा दी लेकिन कैदी की हालत बिगड़ती देख जेलर ने जेल में रखने से मना कर दिया। जहां से पुलिस नारायण को तुरंत हॉस्पिटल लेकर गई। पुलिस कस्टडी में पीड़ित नारायण का इलाज उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल जारी है।
परिजनों के आरोपों के बाद मामले में राजसमंद एसपी ने डिप्टी राहुल जोशी को जांच सौंपी है। डिप्टी ने एमबी हॉस्पिटल में आकर पीड़ित की पत्नी और उसके चाचा के बयान दर्ज किए। डिप्टी जोशी ने बताया कि परिजनों का आरोप है कि पुलिस कस्टडी में नारायण के साथ मारपीट हुई है और जेल होने के बाद तक पुलिस द्वारा परिजनों को सूचना नहीं दी गई। साथ ही परिजनों ने मेडिकल बोर्ड से मेडिकल कराने की मांग की है। इन सभी बिन्दुओं पर जांच जारी है। मैंने कलेक्टर का मेडिकल बोर्ड से जांच कराने को लिखा है। श्रीनाथजी थाने के हैड कॉन्स्टेबल शोभालाल ने बताया कि नारायण नशे में ट्रक चलाते हुए नाथद्वारा से आगे क्रॉस कर रहा था। तभी आईजी साहब की गाडी ट्रक के पीछे आ रही थी। आईजी साहब ने बोला तो हमने आगे ट्रक को रुकवाया। चेक किया तो नारायण नशे में था। निमयानुसार कार्रवाई करते हुए उसका ट्रक जब्त किया और उसे 151 में पाबंद किया। एसडीएम के यहां पेश करते हुए समय नारायण अचानक जमीन पर गिर गया और बेहोश हो गया। वहां से उसे जेल हो गई थी।