उदयपुर। काम के बदलने मजदूरी नहीं मिलने को लेकर कलेक्ट्री पर प्रदर्शन कर रहे मजदूरों को भूपालपुरा थाना पुलिस ने डंडे मारकर वहां से भगा दिया। छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लिए रोड पर बैठी महिलाओं को उठाकर खदेड़ा गया। इस दौरान भूपालपुरा थानाधिकारी आदर्श कुमार ने मजदूरों को चेताते हुए कहा कि अगर तुमने रोड जाम किया तो तुम पर मुकदमा दर्ज करूंगा। जूते लगाऊंगा और गिरफ्तार करूंगा। इसी वक्त अफरा-तफरी के दौरान कुछ महिलाएं भूख-प्यास के चलते बेसुध होकर गिर गईं, लेकिन पुलिस उन्हें अस्पताल पहुंचाने के बजाय खदेड़ता रही। बेसुध महिलाओं को उनके परिवारजन पानी पिलाकर संभालते रहे। करीब 72 मजदूर बीते तीन दिन से धरना दे रहे हैं। वे अपने साथ भोजन बनाने का सामान और बिस्तर प्लास्टिक के कट्टों में भरकर साथ लाए थे। जिन्हें पुलिस ने रोड से हटवा दिया। जानकारी अनुसार मध्यप्रदेश के 72 मजदूर काम के लिए उदयपुर आए थे। वन विभाग के ठेकेदारों ने उनसे काम करवाया। ठेकेदार बंशीलाल के लिए मजदूरों ने परसाद में काम किया। वहीं दूसरे ठेकेदार दलपतसिंह के लिए काला मगरा में काम किया था। मजदूरों ने बताया कि पिछले दिनों में किए गए उनके काम का कुल भगुतान 51 लाख रुपए बन रहा है। ठेकेदार ने उन्हें करीब साढ़े तीन लाख रुपए ही दिए। बाकी का भुगतान अटका हुआ है। इस बीच ठेकेदार ने महज 4.31 लाख रुपए ही बाकियात होना बताया। दोनों पक्षों में विवाद की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने अपने आवास पर वार्ता की लेकिन कोई हल नहीं निकला।
मजदूर अपनी मांग को लेकर बीते दो दिन कलेक्टर आवास के बाहर फुटपाथ पर डेरा डाले हुए थे। मंगलवार रात को एक गर्भवती महिला अंकिता बाई की हालत बिगड़ गई थी जिसे अस्पताल भर्ती कराया गया। दो दिन कलेक्टर आवास पर धरना देने के बाद तीसरे दिन गुरुवार को सभी मजदूर कलेक्ट्री पर आ गए और धरने पर बैठ गए। ऐसे में पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा और डंडे के जोर पर मजदूरों को वहां से खदेड़ दिया।