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March 19, 2025 8:50 am


हथियार सप्लाई करने आए बदमाश, पकड़े गए : 8 अवैध पिस्टल, देशी पिस्टल, दो मैगजीन और कारतूसों के साथ गिरफ्तार

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जयपुर। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स की टीम ने भरतपुर जिले के थाना गढ़ी बाजना क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई कर अवैध हथियारों के साथ तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। टीम ने जयपुर के आसपास बदमाशों की गैंग को अवैध हथियार सप्लाई करने की तैयारी कर रहे भरतपुर व धौलपुर के तीन कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार कर उनके पास से 8 अवैध पिस्टल, देशी कट्टा व पौना सहित पिस्टल की 2 मैगजीन व 1 जिन्दा कारतूस बरामद किया। एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बताया कि राजस्थान में सक्रिय गैंग, गैंगस्टर्स एवं अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोहों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा हैं। सोमवार को टीम को सूचना मिली की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिये भरतपुर जिले के पुलिस थाना गढ़ी बाजना क्षेत्र में कुछ अपराधी अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले हैं, जो इन हथियारों से किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम दे सकते हैं।

सूचना पर एजीटीएफ टीम एसएचओ गढी बाजना मय जाप्ता के साथ सिद्ध बाबा मन्दिर के पास पहुंचे। जहां पर तीन संदिग्ध व्यक्ति खड़े थे, जो पुलिस टीम को देख कर घबराए और खेतों की तरफ भागने लगे। पुलिस टीम ने तीनों बदमाशों को दौड़ कर पीछा कर पकड़ा। पकड़े बदमाशों ने खुद का नाम राजेश उर्फ राजू उर्फ बनकट (50) पुत्र बृजमोहन सुनार निवासी खिड़की गेट कस्बा वैर भरतपुर, विजेन्द्र गुर्जर (45) पुत्र अमर सिंह निवासी हिनोता थाना मनियां जिला धौलपुर और स्वरूप सेन (20) पुत्र छोट लाल निवासी भरतपुर गेट कस्बा वैर भरतपुर बताया। तीनों बदमाशों को डिटेन कर तलाशी ली गई तो राजेश उर्फ राजू के पास से एक लोडेड पिस्टल, विजेन्द्र के पास से एक देशी कट्टा 315 बोर एवं स्वरूप की पास से एक देशी कट्टा 315 बोर मिला। बदमाश राजेश व विजेंद्र के हाथ में मिले बैग में 1 पिस्टल मैग्जीन खाली, 1 कट्टा पौना 315 बोर व 4 कट्टे 315 बोर के बरामद किये गये। पुलिस पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि यह हथियार जयपुर व आसपास के क्षेत्रों में भारी रकम प्राप्त कर सप्लाई करने वाले थे। राजेश उर्फ राजू व विजेन्द्र के खिलाफ धौलपुर, भरतपुर जिले में फायरिंग, जानलेवा हमला करने, डकैती तथा अन्य गम्भीर प्रवृति के एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज है।

Author: JITESH PRAJAPAT

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