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July 7, 2025 9:44 pm


युवक पर फायरिंग करने वाला शूटर गिरफ्तार : मास्टर माइंड छात्रनेता दुबई में, हत्या के लिए लाखों की डील थी; अब तक कुल 3 गिरफ्तार

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जोधपुर। जिले में फायरिंग कर कार सवार युवक को मारने की कोशिश के मामले में शूटर डेविल वर्गी को गिरफ्तार किया गया है। शूटर के सरेंडर करने की भी बात सामने आ रही है लेकिन पुलिस उसके नागौर में छुपे होने और वहीं से पकड़े जाने का दावा कर रही है। वारदात का मुख्य सूत्रधार छात्रनेता जेठू सिंह दुबई में होना बताया जा रहा है। पुलिस इस प्रकरण में अब तक कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, वहीं एक नाबालिग को संरक्षण में लिया गया है।

मामले के अनुसार पावटा बी रोड पर स्थित हनवंत गार्डन के सामने 10 मार्च की देर रात कार में जा रहे दिगंबर सिंह पर दो बदमाशों ने फायरिंग की थी। मामले में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य स्तर पर छानबीन के बाद फायरिंग करने वाले राकेश राणा और नवनीत को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया। पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेजा गया। एक नाबालिग को संरक्षण में लेकर किशोर कोर्ट में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार- आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि दिगंबरसिंह की हत्या की सुपारी देने में देवेंद्र सिंह उर्फ भमसा के माध्यम से लाखों रुपए की डील हुई थी। उसके अलावा जेठू सिंह के एक अन्य करीबी का नाम भी सामने आया था। फायरिंग करने के बाद दोनों आरोपियों को भगाने में तीसरे शख्स ने मदद की थी। बुधवार को पुलिस ने पृथ्वीपुरा निवासी डेविल वर्गी (25) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि वो फायरिंग करके पहले हरिद्वार और वहां से गंगानगर की बस से नागौर पहुंचा था।

पुलिस सूत्रों के अनुसार- जांच में सामने आया कि दिगंबर की हत्या की साजिश लंबे समय से रची जा रही थी। इसका मुख्य सूत्रधार जेठू सिंह था और उसने पूर्व नियोजित साजिश के तहत ही खुद दुबई भागने की प्लानिंग कर ली थी। उसने करीब एक महीने पहले अपना पासपोर्ट बनवाया। पुलिस वेरिफिकेशन में परेशानी नहीं आए, इसके लिए उसने जोधपुर से पासपोर्ट बनवाने की बजाय दूसरे जिले से पासपोर्ट बनवाया। ऐसे में पुलिस अब पासपोर्ट ऑफिस से भी उसके रिकॉर्ड निकलवाने के प्रयास में जुटी है, ताकि उसके वेरिफिकेशन और उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में दर्ज तकरीबन एक दर्जन मामलों की जानकारी छुपाए जाने से जुड़े शपथ पत्र इत्यादि का पता चल सके।

Author: JITESH PRAJAPAT

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