नागौर। एमडी का नशा करने वाले एक भाई ने अपनी 15 साल की बहन से रेप कर डाला। लड़की ने माता-पिता को बताया तो बदनामी के डर से बेटी के ही मर्डर का प्लान बना लिया। पीड़िता को इसकी भनक लगी तो उसने जीजा को कॉल कर मदद मांगी। जीजा ने वकील के जरिए पॉक्सो में केस दर्ज कराया। बुधवार रात करीब 11 बजे मामला दर्ज हुआ। घटना डीडवाना-कुचामन जिले के मकराना थाना इलाके के एक गांव की है। मकराना थाने में दर्ज रिपोर्ट में कुचामन थाना इलाके में रहने वाले जीजा ने बताया- 2020 में मेरी शादी पीड़िता की बड़ी बहन से मकराना थाना इलाके के एक गांव में हुई। कुछ दिन पहले साली (15) का फोन आया। रोते हुए उसने बताया कि बड़ा भाई (25) एमडी का नशा करता है। उसने नशे की हालत में 1 से 10 फरवरी के बीच उसने रेप किया।
जीजा ने माता-पिता को बताने की सलाह दी तो पीड़िता ने कहा- पापा खुद नशे में ही रहते हैं। मां को बताया तो बदनामी के डर से उसने भाई की तरफदारी की। परिवार के लोगों ने मुझे बंधक बना लिया है। मेरी पढ़ाई छुड़ाकर मुझसे मारपीट कर रहे हैं। कह रहे हैं कि किसी को बताया तो जान से मार देंगे। मैंने किसी का फोन लेकर आपको सूचना दी है।
लड़की ने अपने जीजा को बताया- मैंने परिवार के लोगों की चर्चा सुनी। ये लोग मुझे गुजरात रिश्तेदारों के यहां भेजकर वहां मर्डर करने की प्लानिंग बना रहे हैं। रिपोर्ट में जीजा ने बताया- साली के इस फोन के बारे में मैंने अपनी पत्नी (पीड़िता की बड़ी बहन) को भी नहीं बताया। आरोपी साले को बुलाकर पूछा तो उसने हाथ जोड़कर कहा कि मुझसे गलती हो गई। आगे से ऐसी घटना नहीं होगी। इसके बाद मैंने कुचामन थाने को घटना की सूचना दी। पुलिस आरोपी भाई और एक अन्य को लेकर थाने गई लेकिन 2 दिन बाद ही उन्हें छोड़ दिया।
इसके बाद साली ने दोबारा फोन किया। कहा- मुझे बचा लो वरना ये लोग कभी भी मेरा मर्डर कर देंगे। इसके बाद जीजा ने जयपुर हाईकोर्ट के वकील एडवोकेट ओपी सोलंकी को मामले की जानकारी दी। वकील के जरिए बुधवार को मकराना पुलिस को शिकायत दी गई। इसके बाद पुलिस ने लड़की और उसकी मां को थाने बुलाया। जहां पीड़िता ने बताया भाई ने उसके साथ रेप किया है। पीड़िता के बयान के आधार पर बुधवार रात 11 बजे पॉक्सो में मामला दर्ज कराया गया। पुलिस मामले में जांच कर रही है। लड़की के परिवार में माता-पिता, बड़ी बहन और भाई हैं। एडवोकेट ओपी सोलंकी ने बताया- मामले की गंभीरता को देखते हुए डीडवाना-कुचामन एसपी हनुमान प्रसाद मीणा से संपर्क किया तो उन्होंने भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया। फोन भी काट दिया। जब मकराना जाकर पुलिस अधिकारियों को मामले की गंभीरता के बारे में बताया तब मामला दर्ज किया।