बनास नदी के बहाव के साथ ही सबसे बड़ी पेयजल उपलब्ध कराने वाले बीसलपुर बाध में पहुचता कचरा,जल प्रदूषित करता
गुरला:- राशमी पंचायत समिति के साथ ही क्षेत्र की ग्राम पंचायत राशमी मे स्वच्छता की पोल खुल रही है। जब यहा बीडियो से लेकर तहसीलदार , विधानसभा क्षेत्र के शासन,प्रसासन के लोग राशमी पंचायत समिति मुख्यालय पर बेठते पर स्व संज्ञान नहीं लिया गया कि राशमी पंचायत मुख्यालय के साथ मेवाड़ की गंगा के नाम से जाने जानी वाली बनास नदी में कचरा डाला जा रहा है जबकि सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हं, लेकिन अभियान को गम्भीरता नहीं लिया जा रहा है। स्वस्च्छता के नाम पर आ रही राशि का पता नहीं वह कहां काम आ रही है। ग्राम पंचायत राशमी में 6 माह से नालियों की सफाई नहीं हुई। चारों और तरफ गंदगी फैली हुई गौवंश इस प्लास्टिक के खाने से बीमार पड़ रही है।
फूड प्वाइजनिंग की समस्या सबसे ज्यादा समस्या होती है:
पशु चिकित्सकों ने बताया कि मवेशियों में फूड प्वाइजनिंग की समस्या सबसे ज्यादा उत्पन्न होती है। इससे मवेशी कमजोर हो जाती है। अगर समय रहते इलाज नहीं कराया गया तो वह मर ही जाती है। सबसे ज्यादा नुकसान मवेशियों को कचरे के साथ प्लास्टिक बैग के खाने से होता है। यह प्लास्टिक बैग पेट के आत में फंस जाता है। इससे मवेशी धीरे-धीरे और रोग का शिकार हो जाती है। उनका खाना पीना कम होने लगता है। ग्रामीण इलाकों के ऐसे पशुपालक अपने मवेशियों का इलाज नहीं करा पाते है।
जानवरों में कैंसर जैसे रोगों को भी मिल रहा है काफी बढ़ावाः
वर्ष 2018 में किए गए सर्वे में पाया गया कि गाय-भैंस के दूध, गोबर और मूत्र में प्लास्टिक के कण पाए जा रहे है। जो इंसान के लिए तो हानिकारक है ही साथ ही जानवरों में कैंसर को भी बढ़ावा दे रहा है। सर्वे में पॉलीथीन से कैंसर होना पाया गया है। ऐसी गायों द्वारा उत्पादित दूध के माध्यम से प्लास्टिक की विषाक्त सामग्री भी मनुष्य में प्रवेश कर सकती है। पॉलीथिन बैग में अन्य घर के कचरे के साथ विदेशी धातु जैसे, ब्लेड,सुइयों, तारों, नाखूनों आदि का भी फेका जाता है।
कचरे के ढेर से बीमारियां फैलने का डर, वातावरण के साथ ही नदी में जलप्रदूषण
ग्राम पंचायत राशमी द्वारा बनास नदी में डाला जा रहा कचरा से इन कूड़ों के ढेरों के पास से निकलते हैं तो वे भी प्रदूषित हवा का शिकार हो जाते हैं। जिन लोगों को दमे की बीमारी है उनके लिए सड़कों के किनारों पर पड़ी मिट्टी व कूड़ा उनकी सास की बीमारी में बढ़ोतरी कर रहा है। सड़कों के किनारे पड़े कूड़ों के कारण लोगों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
बनास नदी को बनाया जा रहा कचरा संग्रहण केन्द्र जिससे होगा जलप्रदूषण जो बहाव के साथ पहुचता बीसलपुर बाध में मेवाड़ की पवित्र नदी या मेवाड़ की गंगा में राशमी ग्राम पंचायत द्वारा कचरा संग्रह कर बनास नदी में डाला जा रहा है जिससे नदी क्षेत्र में प्रदूषित किया जा रहा है यह पानी भीलवाड़ा के साथ ही, जयपुर, अजमेर, टोक जिले में पेयजल उपलब्ध किया जा रहा है जब यह कचरा नदी के बहाव के साथ ही बीसलपुर बाध में जाता है जो जल को प्रदूषित करता है।
प्रशासनिक एवं शासनिक लोग जानते हुए भी अनजान
राशमी विधानसभा क्षेत्र होने के साथ ही तहसील, पंचायत समिति कार्यालय होने के बाद भी ग्राम पंचायत में हर जगह गन्दगी देकर शासन, प्रशासन मौन क्यों है यह एक राशमी ग्राम पंचायत में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की मांग पुरी करें नहीं तो कलेक्टर को सौपगे ज्ञापन
ग्रामीण कैलाश माली, रतन लाल रेगर ने कहा कि ग्राम पंचायत समय समय पर सफाई अभियान चलाएं साथ ही नालियों की मरम्मत करें, और ग्राम पंचायत के कचरे को कचरा संग्रहण केन्द्र बना कर तारबंदी कर उसमें कचरा इकठ्ठा करें जिससे लावारिस पशु इस प्लास्टिक को खा नहीं सके एवं साथ ही लावारिस पशु को ग्राम पंचायत के काइन हाउस में ले जा कर बाद में गौशालाएं में पहुचाने का कार्य करें यह कार्य नहीं होने पर ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा ग्राम पंचायत पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।