जोधपुर। प्रदेश की सबसे सुरक्षित कहीं जाने वाले जोधपुर सेंट्रल जेल एक बार फिर से चर्चा में है जेल में मोबाइल सिम कार्ड और मध्य पदार्थ मिलने के मामले लेकर अब जेल प्रशासन सख्ती बरत रहा है। इसी सिलसिले में जेल आईजी विक्रम सिंह मंगलवार को जोधपुर सेंट्रल जेल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने जेल में कैदियों की क्षमता, अवांछनीय गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बाद में वह पत्रकारों से भी मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 105 जिले हैं जिनमें सभी में समुचित व्यवस्था लेकिन उनमें से 25 जिले ऐसी है जहां पर जेल में मोबाइल मिलने जैसे घटनाएं सामने आ रही है। उसे ध्यान में रखतेहुए अब इन 25 जेलों पर विशेष फोकस किया जा रहा है, जिससे कि इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में विशिष्ट लोगों को जेल से धमकी देने के मामले सामने इसको ध्यान में रखते हुए जेल में अवांछनीय गतिविधियों की सूचना देने पर जेल कर्मियों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गयाहै। उसके साथ ही जो लोग जेल में इस तरह की घटनाओं के जिम्मेदार है उन्हें बर्खास्त भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कहीं जगह पर जेल में मादक पदार्थ मिलने में जेल कर्मी की भी मिलीभगत सामने आई है पिछले दिनों में चार कार्मिकों को बर्खास्त किया गया है। अब इस तरह के मामलों को लटका कर रखने के बजाय तुरंत कार्रवाई की जाएगी। जेल में बंदियों की क्षमता को लेकर कहा कि दो नए जेलें भी तैयार की गई जिनमें से अकलेरा की जेल चालू हो चुकी है जबकि डूंगरपुर जेल का जल्द उद्घाटन किया जाएगा। इसके अलावा बैरकों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि जगह पर अंग्रेजों के जमाने के जिले बनी हुई है जो हम शहर के अंदर तक आ चुकी है इसलिए अब जेलों को शहर से बाहर ले जाने के प्रयास भी कियाजा रहे हैं। फलोदी में हाईटेक जेल बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। क्योंकि वहां पर नो सिग्नल जोन भी है और सभी सुविधाएं भी आसानी से मिला सकती है। उस जेल में ऐसे कैदियों को रखा जाएगा जो बड़े लेवल पर होने वाले अपराधों में शामिल है। उन्होंने जोधपुर में जेल प्रहरी राजेश बिश्नोई के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कहां गया पुलिस में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस के अंतिम परिणाम पर कार्रवाई होगी इसके साथ यह मोबाइल कहां से मिला इसको लेकर भी पूरी पड़ताल की जाएगी।
जेल में बंद कैदियों को अदालत में पेश करने को लेकर कहा कि इसके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हो इसके लिए प्रयास किया जा रहे हैं। पहले चरण में 105 जिलों में से 400 जगह पर नोड लगेंगे उसके बाद तीन चरण में कुल 1200 नोड और इन जेल में लगाए जाएंगे। नोड लगने के बाद बंदियों को बाहर नहीं ले जाया जाएगा। इससे खर्चा कम होने के साथ ही समय में भी बचत होगी।