उदयपुर। शहर के बीच स्थित रूपसागर तालाब के पेटे में निर्माण होने की शिकायत को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने बताया कि वहां पर नियम विपरीत निर्माण हो रहा है और तालाब पेटे की जमीन पर काम किया जा रहा है। सभी ने तालाब को बचाने के लिए वहां तत्काल काम रुकवाने के लिए कहा। रूपसागर तालाब विकास संघर्ष समिति ने जिला कलेक्टर नमित मेहता को दिए ज्ञापन में बताया कि इस तालाब को बचाया जाए और उदयपुर विकास प्राधिकरण के जरिए वहां पर कार्रवाई कर नियम विपरीत निर्माण को रुकवाया जाए और तालाब पेटे की जमीन में काम रुकवाया जाए।
सागर तालाब विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि गांधीवादी तरीके से कलेक्टर को गुलाब के फूल भेंट कर तालाब में हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रूपसागर तालाब की पाल के नीचे लोगों द्वारा पेटा कास्ट जमीन के अंदर बाउंड्री वॉल बनाकर अवैध अतिक्रमण किए जा रहे है। तालाब के पिछले हिस्से में अवैध रूप से भराव डालकर प्लानिंग काटी जा रही है और मकान बनाए जा रहे है। तालाब की मोखी के साथ भी छेड़छाड़ की गई है ताकि वर्षा काल मे रूपसागर तालाब में पानी भरा नहीं रहे।
इसके अलावा इस तालाब में जिन रास्तों से पानी आता है उन रास्तों को भी बाधित कर दिया गया है। प्रशासन की और से इस क्षेत्र में पूर्व में तालाब की सीमा ज्ञान के लिए लगाए मुकाम को तोड़ दिए। पूर्व पार्षद शिप्रा उपाध्याय ने जिला कलेक्टर को बताया कि रूपसागर तालाब के मामले में हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी हो रही है। प्रतिनिधिमंडल में समिति के सह सचिव राजेश पालीवाल, विष्णु जोशी, भंवर सिंह, विद्यासागर उपाध्याय, सुमनेश वर्मा, बद्रीलाल माली, उमा जोशी, रेखा कंवर, लाजवंती माली, महेश जोशी, शैलेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।