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June 1, 2025 8:04 am


हत्या प्रयास मामले में आरोपियों को 7-7 साल की जेल, 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

सीकर। जिले की एडीजे कोर्ट संख्या-4 ने 9 साल पुराने हत्या प्रयास के एक मामले में चार आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने हर आरोपी पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और पीड़ित पक्ष को एक लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया। यह मामला जमीनी विवाद से जुड़ा था, जिसमें आरोपियों ने लाठी, सरिया और कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया था। घटना में दो लोगों को गंभीर चोट आई थी। सरकारी वकील व अपर लोक अभियोजक धर्मेंद्र सिंह कुड़ी ने बताया- घटना 3 जुलाई 2017 को झीगर छोटी गांव में हुई थी। दादिया थाने में दी शिकायत जगदीश प्रसाद (36), मुकेश कुमार और संतरा देवी ने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन और मकान गांव के पश्चिम में बीड के पास हैं। विवाद चुन्नाराम और उनके छोटे भाई गोविंदराम के परिवारों की साझा जमीन को लेकर था। घटना के दिन रिछपाल, उनके बेटे मनोहर और पुत्रवधू संतरा देवी अपनी जमीन पर बिजाई के लिए गए थे। उसी समय शिवभगवान, पूर्णमल, श्रवण, हीरालाल, केशर देवी, सुमन देवी, प्रकाश, संतोष कुमार, सुरेंद्र, इंद्रा देवी और आसाराम कुल्हाड़ी, गडासी और लाठियों के साथ आए और रिछपाल व मनोहर पर जानलेवा हमला कर दिया। पास के खेत में काम कर रहे मुकेश, राकेश और मनोज ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उन पर भी हमला किया।

हमले में रिछपाल और मनोहर को गंभीर चोटें आईं और वे बेहोश हो गए। आरोपियों ने उन्हें मृत समझकर छोड़ दिया लेकिन रिछपाल को होश आता देख शिवभगवान ने दोबारा कुल्हाड़ी से वार किया। जाते समय आरोपियों ने पूरे परिवार को खत्म करने की धमकी दी। पीड़ितों को पहले सीकर के एसके अस्पताल ले जाया गया जहां से गंभीर हालत के कारण जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया। दोनों पीड़ित जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 9 साल तक चले मुकदमे के बाद एडीजे कोर्ट के जज वीरेंद्र कुमार मीणा ने बुधवार को आसाराम, शिवभगवान, हीरालाल और श्रवण को दोषी ठहराया। चारों आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई और 25-25 हजार का जुर्माना लगाया गया। सरकारी वकील धर्मेंद्र सिंह कुड़ी ने बताया कि कोर्ट का यह फैसला पीड़ितों को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण है।

 

Author: JITESH PRAJAPAT

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