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September 16, 2025 11:43 pm


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सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट जजों से पहचान बता 65 लाख ठगे, कोर्ट में विचाराधीन केस में ‘फैसला पक्ष में करवाने’ का दिया झांसा

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

जोधपुर। कोर्ट में विचाराधीन आरके इंडस्ट्रीज बनाम रीको केस में फैसला पक्ष में करवाने का झांसा देकर कुछ लोगों ने जोधपुर शहर के कारोबारी से 65 लाख रुपए की ठगी कर ली। आरोपियों ने खुद के सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई और हाईकोर्ट के जजों से नजदीकी होना बताते हुए कारोबारी को विश्वास में लिया और टुकड़ों-टुकड़ों में रकम हड़प ली। जब केस खारिज हुआ और वादे के अनुसार रुपए लौटाने की बात हुई, तो आरोपी टालमटोल करने लगे। अब सरदारपुरा थाने (जोधपुर) में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। कमला नेहरू नगर निवासी गौतमचंद गुलेच्छा (68) ने सरदारपुरा थाने में दी रिपोर्ट में बताया कि आरके इंडस्ट्रीज बनाम रीको के बीच कोर्ट में मामला चल रहा था। इसी दौरान उनके परिचित मनोहरलाल पंवार ने बताया कि उसके जानने वाले दिल्ली के रहने वाले सुंदरलाल मालू और जयपुर के रहने वाले गोरधनसिंह भाटी की सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई और हाईकोर्ट के जजों से सीधे संपर्क हैं और वे केस का फैसला पक्ष में करवा सकते हैं।

गत 22 सितंबर 2021 को जलजोग चौराहा स्थित होटल श्रीराम एक्सलेंसी में ठहरे आरोपी सुंदरलाल मालू पुत्र चांदमल, गोरधनसिंह भाटी और आदित्य कुमार से मिलने के लिए परिवादी को बुलाया गया। वहां आरोपियों ने खुद को रसूखदार बताते हुए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों के साथ अपनी कई फोटो भी दिखाईं और भरोसा दिलाया कि वे केस का फैसला परिवादी के पक्ष में करवा देंगे। 22 सितंबर 2021 को 11 लाख रुपए सुंदरलाल मालू के बैंक खाते में आरटीजीएस द्वारा ट्रांसफर करवाए गए। इसके अगले दिन 23 सितंबर 2021 को 5 लाख रुपए और ट्रांसफर किए गए। वहीं, 4 अक्टूबर 2021 को 10 लाख रुपए नकद जयपुर भेजे गए। इसके बाद 39 लाख रुपए और टुकड़ों-टुकड़ों में नकद दिए गए। आरोपियों ने परिवादी गुलेच्छा को एक रसीद भी दी, जिसमें लिखा था कि अगर काम नहीं हुआ तो रकम लौटा दी जाएगी। साथ ही, केस जीतने पर 39 लाख रुपए और देने की बात कही गई थी। गत 23 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में आरके इंडस्ट्रीज बनाम रीको की स्पेशल लीव टू अपील (सी) नंबर 2596/2022 खारिज हो गई। इसके बाद जब कारोबारी गुलेच्छा ने आरोपियों से अपनी रकम वापस मांगी तो वे लगातार बहाने बनाने लगे और अंत में रकम लौटाने से इनकार कर दिया। जबकि, आरोपियों ने जो रकम ली थी, उस वक्त भी दो लोग मौजूद थे।

Author: JITESH PRAJAPAT

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