नागौर। नागौरी बछड़ों को ले जा रही 47 गाड़ियों को पुलिस की पकड़ से छुड़ाने के लिए नागौर में किसानों ने धरना शुरू किया है। भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। धरना दे रहे किसान पशु प्रदर्शनी स्थल पर धरने पर बैठे हैं। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अर्जुनराम लोमरोड़ ने बताया कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा। जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बताया कि बांसवाड़ा जिला कलेक्टर को पूरी प्रक्रिया के बारे में अवगत करवा दिया गया है। जल्द ही वे किसानों से वार्ता कर समाधान करेंगे। यूनियन की ओर से जिला कलेक्टर को दिए ज्ञापन में लिखा है कि 13 अप्रैल को नागौर जिला प्रशासन की अनुमति लेकर नागौर से मध्यप्रदेश ले जाए जा रहे बैल वाहनों को तथाकथित गौरक्षकों के दबाव में बांसवाड़ा पुलिस ने रोक लिया। किसानों का कहना है कि सभी वाहन वैध कागजात और पुलिस एस्कॉर्ट के साथ रवाना हुए थे।
लेकिन बांसवाड़ा पुलिस ने गाड़ियां रोककर चारे-पानी के नाम पर बैल गौशालाओं में उतरवा लिए। 4 दिन तक गाड़ी मालिकों व चालकों को यह कहकर गुमराह किया गया कि कागजात सही हैं और कोई कार्यवाही नहीं होगी, लेकिन इसके बाद गौ-तस्करी के आरोप में मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया। लोमरोड़ ने बताया कि करीब 28 दिन की जेल काटने के बाद जमानत पर रिहा हुए वाहन मालिक 7 बार बांसवाड़ा प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। बांसवाड़ा कलेक्टर लगातार तारीखें दे रहे हैं, अंतिम बार 16 जून को कलेक्टर से मिले किसानों को 20 जून का समय दिया गया है। किसानों का आरोप है कि प्रशासन गाड़ी मालिकों पर दबाव बनाने के लिए लाखों रुपए के नोटिस न्यायालय में प्रस्तुत कर रहा है। अब भाकियू के प्रतिनिधियों ने कहा कि 20 जून को किसानों को नहीं छोड़ा तो आंदोलन तेज करेंगे।