उदयपुर। कुराबड़ के सुलावास के करमाल गांव में अवैध खनन की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में गुस्सा है। ग्रामीणों ने शुक्रवार को इस मामले में वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी को भी लिखित में शिकायत पहुंचाई थी। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने उदयपुर आकर संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी और उदयपुर कलेक्टर के नाम एडीएम प्रशासन दीपेंद्र सिंह को ज्ञापन दिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि इस खनन कार्य को बंद नहीं कराया जाएगा, तो वे धरना देंगे।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया- करमाल, मायदा, आम्बातलाई और रावतपुरा क्षेत्र में बिना नाम की, वन विभाग और गैर खातेदारी जमीन पर रात में खनन हो रहा है। इससे ध्वनि और वायु प्रदूषण बढ़ा है। आस-पास के कुएं सूख गए है और घरों में दरार आ गई है। बच्चों के कान में परेशानी होने लगी है। ग्रामीणों ने बताया कि अवैध खनन में शामिल वाहनों से उनकी सड़क दब गई। ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देने के दौरान बताया- खनन माफिया ने जयसमंद झील को भरने वाले सहायक नाले को बंद कर दिया है। इससे जल स्तर नीचे चला गया है। किसानों को पानी की समस्या बढ़ गई है। करमाल से कच्छेर तक बनी डामर सड़क को खोखला कर दिया गया है। यह सड़क साल 2023 में बनी थी और आज की तारीख में धंसने जैसी स्थिति हो गई है। उन्होंने एनीकट भी तोड़ने का आरोप लगाया।
ग्रामीणों ने बताया- 16 जून 2025 को खनन विभाग के अधिकारी महिला सरपंच गमेरी बाई पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। ग्रामीणों ने इस मामले में 28 अप्रेल और 13 जून 2025 को भी शिकायत की थी। ग्रामीणों ने चेतावनी तहसील स्तर पर धरना देने की चेतावनी दी। इस दौरान गोकुल रेबारी, प्रकाश मीणा, लाल सिंह, रूपलाल पटेल, चेन राम मीणा, लोगर लाल मीणा, राम लाल गुर्जर, किशन गुर्जर आदि मौजूद रहे। इधर, शुक्रवार सुबह ज्ञापन देने के बाद शुक्रवार शाम को खनन विभाग, वन विभाग की टीम, तहसीलदार और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची। जहां पर पटवारी द्वारा मौका रिपोर्ट तैयार की गई। टीम ने मौके से एलएनटी मशीन जब्त की।