बिजौलिया, बलवंत जैन। बिजौलिया कस्बे में प्रत्येक वर्ष तेजा दशमी पर लगने वाला पांच दिवसीय मेला इस बार नवनिर्मित नगर पालिका की तीन गुना अधिक कर वसूली के बोझ तले दबकर रह गया। वर्षों से ग्राम पंचायत काल से परंपरागत रूप से लगने वाला यह ऐतिहासिक मेला नवनिर्मित नगर पालिका के नियमों की भेंट चढ़ गया। पांच दिवसीय तेजा दशमी के मेले पर अपने परिवार का गुजर बसर करने के उद्देश्य से बाहर से आए दुकानदारों से नगरपालिका के द्वारा तीन गुना राशि अधिक वसूली गई। चिंतनीय विषय यह रहा की नगर पालिका द्वारा की गई इस खुली लूट के विपक्ष में किसी भी जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा मेला दुकानदारों के पक्ष में कोई आवाज नहीं उठाई गई।
सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि और स्थानीय नेता इस विषय पर मौन धारण करते नजर आए। आश्चर्य की बात यह है कि नगर पालिका द्वारा मेला शुरू होने के 2 दिन पूर्व सामान रखने के पहले तीन गुना राशि की रसीद बनाकर बाद में जगह का अलॉटमेंट किया गया। तेजा दशमी मेले में विभिन्न स्थानों से व्यापार करने के उद्देश्य से आए दुकानदारों ने मेले में आने वाले हर नागरिक को अपनी पीड़ा सुनाई। इसी क्रम में मेले के एक दुकानदार विजय जैन ने मीडिया कर्मी को बताया कि वह वर्षों से बिजोलिया मेले में अपनी दुकान लगा रहा है, पिछले साल 9000 रुपए उसने कर स्वरूप पंचायत को दिया। किंतु इस वर्ष नगर पालिका के द्वारा तीन गुना राशि ₹26000 की वसूली गई। वहीं अन्य व्यापारियों का झूले वालों का कहना है कि एक तो बारिश ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी वही रही कसर नगर पालिका ने तीन गुना राशि वसूल कर पूरी कर दी। वही आम नागरिकों ने इस विषय में सोशल मीडिया के माध्यम से जबरदस्त विरोध दर्ज किया गया। अगर इसी प्रकार नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी निरंकुश होकर अपना कार्य करते रहे तो आने वाले समय में वर्षों से लगने वाला ऐतिहासिक मेले में आने वाले क्या पुराने दुकानदार हमें नजर आएंगे।
इन का क्या कहना है
इस विषय में मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल का कहना है कि मेला व्यापारियों से तीन गुना राशि वसूल ने के मामला से में अनभिज्ञ हूं। फिर भी अगर नगर पालिका के द्वारा अधिक राशि मेल व्यापारियों से लेने की बात है तो मुझे पूर्व में इसकी जानकारी व्यापारियों के द्वारा दी जानी चाहिए थी। व्यापारियों को जागरुक होकर कर वसूली की बात मेरे संज्ञान में लाई जानी चाहिए थी। अगली बार से मेला व्यापारियों के साथ ऐसा नहीं होगा।
इस विषय को लेकर कांग्रेस नगर अध्यक्ष अनिल राव का कहना है कि वर्षा ऋतु होने के कारण वैसे भी मेला व्यापारियों का व्यापार नहीं चल सका। इसीलिए नगर पालिका को उनके कर में कटौती करनी चाहिए थी। इस प्रकार तीन गुना राशि वसूलना मेला व्यापारियों के साथ न्याय नहीं है।
वही इस विषय में नगर पालिका अधिशासी अधिकारी पंकज मंगल से दूरभाष पर संपर्क किया गया, किंतु अत्यधिक व्यस्तता के कारण कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला।
Author: AKSHAY OJHA
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