जोधपुर। शहर के नामी शिक्षण संस्थानों के आसपास गांजे की खेप सप्लाई करने के आरोपी बलदेव गहलोत से एनसीबी की टीम पूछताछ कर रही है। आरोपी से पूछताछ के बाद कई बड़े नशा तस्करों के नाम आने की भी संभावना है। आरोपी को शुक्रवार को एनसीबी की टीम ने 865 किलो गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ने ही उड़ीसा के सिलेरू से गांजे की खेप मंगाई थी जिसे जोधपुर के करवड रोड स्थित आईआईटी और अन्य शिक्षण संस्थानों के आस पास सप्लाई किया जाना था।
गांजा तस्करों ने शहर में अलग-अलग जगह पर अपने लोकल नेटवर्क बना रखे हैं। जिसके आधार पर इन नशे को सप्लाई किया जाता था। खास तौर पर जोधपुर के कई ऐसे शिक्षण संस्थान जहां पर बाहर से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं वहां पर आरोपी गांजे की सप्लाई किया करता था। इनमें जोधपुर के करवड़ के पास IIT, NLU, NIFD सहित कई ऐसे संस्थान है जहां के स्टूडेंट को नशे की लत लगाकर उन्हें नशा बेचा जाता था।
NCB ने चलाया ऑपरेशन शंकर
इस मामले में एनसीबी ने ऑपरेशन शंकर चलाया था। जिसमें करीब दो माह तक अलग अलग राज्यों और ट्रेनों में सर्च के बाद जोधपुर में 23 मई को 850 किलो गांजे की खेप को बरामद किया गया था। इस मामले में पूर्व में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। एनसी ने झालामंड बाईपास पर एक गाड़ी से 355 किलो गांजा बरामद किया था। इस मामले में अनिल कुमार को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उसने और जगह पर भी गांजा रखना स्वीकार किया था। उसकी बताई जगह पर NCB की टीम ने गुड़ा विष्णोइयां गांव के मंगल नगर निवासी भागीरथ के मकान में दबिश दी थी। जहां से 495 किलो गांजा जब्त किया गया था। इस मामले में मुख्य आरोपी चोखा गांव में हनुमानपुरा का रहने वाला बलदेव सिंह उर्फ बंटी पुत्र अशोक गहलोत फरार हो गया था। जो करीब तीन माह से फरार चल रहा था।
आरोपी को पकड़ने के लिए एनसीबी की टीम ने उसकी संपत्तियों को फ्रीज करने की कार्रवाई भी। शुरू की। इसके अलावा उसके बैंक खाता भी सीज कर दिए गए। इसके चलते आरोपी दबाव में आ गया और वह एनसीबी की पकड़ में आ गया। पूछताछ के बाद अब कई बड़े नाम के सामने आने की भी संभावना है।