श्री मकरध्वज जयंती भाद्रपद पितृ-पूर्णिमा पर विशाल भंडारा एवं महायज्ञ संपन्न
पितृ शांति यज्ञ, दुःख निवारण समागम, दीपदान समारोह एवं में हजारो हुए लाभान्वित
जैतारण राधेश्याम दाधीच
भागवताचार्य श्री कृष्ण वल्लभ शास्त्री (मंदसोर) की अध्यक्षता, श्री गोकुल धाम (अजमेर) के महंत गुरुप्रसाद जी के मुख्य-आतिथ्य में, समाज सेवी एवं राजनेता महेंद्र मेघवंशी जी एवं शिव गोरक्ष मंदिर – खेडी खेडा के महंत लादूनाथ जी योगी के विशिष्ठ-आतिथ्य में सनातन धर्म सभा का आयोजन – सनातन धर्म हितार्थ लिए गए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय
ब्यावर :- मकरध्वज जयंती महोत्सव भाद्रपद पितृ-पूर्णिमा के अवसर पर “मकरध्वज बालाजी विश्व कल्याण ट्रस्ट” के सौजन्य से विशाल भंडारे एवं मकरध्वज जयंती समारोह का आयोजन श्री मकरध्वज बालाजी धाम, बलाड़ रोड़, ब्यावर श्रद्धा विश्वास से साथ संपन्न हुआ ! हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यहाँ मकरध्वज जयंती पर्व भाद्रपद-पूर्णिमा को 18 सितम्बर 2024 बुधवार को महन्त प्रकाश नाथ शास्त्री के सानिध्य में हर्षोल्लास से मनाया गया ! इस मौके पर मंदिर को आकर्षक सजावट एवं रौशनी के साथ भगवान मकरध्वज बालाजी की प्रतिमा का सुन्दर श्रंगार किया गया !
मकरध्वज युवा संगठन के अध्यक्ष दिलीप सांखला के अनुसार सुबह 10 बजे दीप-प्रज्वलन साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया ! सुबह 11 बजे पूर्वाचार्यो की मंत्रोच्चार से समाधि-स्थल पर पूजा अर्चना एवं नाथ सिद्धो की स्तुति वंदना की गई ! दिन में 12 बजे पित्तरो की शांति के लिए “सर्व पितृ दोष शांति महायज्ञ ” एवं ” विशाल-भंडारा ” हुआ – जिसमे दिल्ली , कोटा , एटा , मुंबई , अमरावती , जयपुर , जोधपुर , भीलवाड़ा , उदयपुर , बीकानेर, सिरोही , केसरपुर , बाड़मेर , अजमेर, मालपुरा , शामली , लालपुरा सहित देश के विभिन्न अंचलो से हजारों श्रद्धालुओ ने भाग लिया ! सभी धर्म प्रेमी जन ने इस आयोजन में सम्मिलित होकर अपने पित्तरो की कृपा प्राप्ति हेतु महायज्ञ में आहुतियाँ प्रदान की .. उनको भोग अर्पण किया और अपने जीवन को धन्य बनाया ! दिन में 5 बजे मकरध्वज सरकार को ध्वजा भेंट की गई ! शाम 6 बजे अनुभूत साधना महोत्सव के अंतर्गत जन हितकारी सरल तंत्र प्रयोग एवं समस्या समाधान एवं जिज्ञासुओं को गुरु-दीक्षा के कार्यक्रम संपन्न हुए !
हनुमान बल भक्त मंडल के अध्यक्ष गोविन्द सिंह रावत के अनुसार शाम 7 बजे भगवान मकरध्वज बालाजी की दिव्य महा-आरती की गई , जिसमे सम्पूर्ण मंदिर परिसर को हजारो प्रज्वलित दीपकों से सजाकर प्रकाशमान किया तथा महंत डा. प्रकाश नाथ जी महाराज ने ज्वाला-ज्योत से भगवान की भव्य महाआरती की ! रात्रि 8 बजे भजन सत्संग :- एक शाम मकरध्वज के नाम – जिसमे भजन गायकों व गायिकाओ द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई !
धाम के महंत प्रकाश नाथ शास्त्री के अनुसार यह सर्व-विदित है की हनुमान जी अखंड ब्रम्हचारी थे लेकिन लंका दहन के पश्चात अपनी पूंछ की अग्नि बुझाने लिये समुद्र में कूदने के दौरान हनुमान जी पसीने की बूंद सविता नामक मछली के मुह में प्रवेश करने के कारण वह गर्भवती हो गई और सविता मछली के उदर से मकरध्वज पैदा हुए जब श्री राम व लक्ष्मण को अहिरावन पातालपुरी ले गया और हनुमान जी का सामना अपने ही स्वरुप मकरध्वज से हुआ तब मकरध्वज ने अपना परिचय हनुमान-पुत्र के रूप में दिया ! मान्यता है कि ब्यावर के आस पास का मगरा-क्षेत्र हनुमान पुत्र मकरध्वज के नाम से मकर-क्षेत्र से अपभ्रंश होकर मगरा नाम से प्रसिद्द हो गया ! मगरान्चल के ह्रदय स्थल ब्यावर के नाथ नगर में अवतरित श्री मकरध्वज बालाजी धाम इसी कारण बालाजी हनुमान के संग मकरध्वज महाराज भी पूजे जाते है !