अलवर। गुरुग्राम से डेढ़ साल पहले गायब हुए बच्चे आखिर डेढ़ साल बाद अपने मां-बाप से मिले। ये दोनों बच्चे खेल-खेल में ट्रेन में चढ़े थे, जिसके बाद वे अलवर पहुंच गए। जब मां-बाप ने इन दोनों बच्चों को देखा तो सिने से लगा लिया और रो पड़े। मां ने बताया कि बच्चों को ढूंढने के नाम कई लोगों ने ठगी की। एक बाबा ने तो 20 हजार रुपए तक ठग लिए थे। मामला गुरुवार का है, जब अलवर आरपीएफ की टीम इन दोनों को लेकर गुड़गांव पहुंची।
मां-बाप फॉर्म हाउस में करते थे काम, खेल-खेल में घर से निकले थे
बाल संरक्षण सेवा समिति के सहायक निदेशक रविकांत ने बताया कि अप्रैल 2023 में बिहार के मुज्जफरपुर के बैरवा गांव निवासी राजन पुत्र राजेश पासवान और मुज्जफरपुर के रामवेश्वरम के निवासी चंदन (9) पुत्र जितेंद्र पासवान साइकिल लेकर फॉर्म हाउस से निकले थे। साइकिल चलाते-चलाते घर से दूर आ गए और फिर ट्रेन में खेलने के लिए चढ़ गए। इन्हें पता ही नहीं चला कि वे अलवर की तरफ जा रहे है। अलवर स्टेशन आने पर ट्रेन में किसी यात्री ने आरपीएफ को इन दो लावारिस बच्चों के बारे में जानकारी दी। इस पर इन्हें अलवर स्टेशन पर उतार घर के बारे में पूछा लेकिन बता नहीं पाए। इस पर इन्हें अलवर के इरादा बाल गृह में भेजा गया।
काउंसिलिंग में बताया गुरुग्राम के लेकिन घर का पता नहीं था
सहायक निदेशक रविकांत ने बताया कि ये बच्चे अपने घर के बारे में नहीं बता पा रहे थे। इनकी लगातार काउंसिलिंग की गई। इस पर इन्होंने बताया कि वे गुरुग्राम के घोड़ा फॉर्म हाउस से आए है लेकिन एड्रेस नहीं पता।
इस पर टीम बुधवार को दोनों बच्चों को लेकर गुड़गांव पहुंची। बच्चों को ये भी नहीं पता था कि घोड़ा फॉर्म हाउस कहां पर है। इस पर एक चौराहे पर पहुंचे तो बच्चे रास्ता पहचान गए। यहां आस-पास के लोगों से पूछा तो उन्होंने घोड़ा फॉर्म हाउस के बारे में बताया, जो सेक्टर 23 में है। लेकिन, जब टीम वहां पहुंची तो पता चला कि इनके मां-बाप यहां से फॉर्म हाउस छोड़ पास के दूसरे फॉर्म पर है। टीम जैसे ही बच्चों को लेकर वहां पहुंची तो इनके मां-बाप देख रोने लगे और इन्हें सीने से लगा लिया।
आस- पास के व्यक्ति ने पता कर बताया
वहां फॉर्म के पास एक व्यक्ति मिला। जिसने बच्चों के माता-पिता का पता कराया। तब टीम पास में ही किराए पर रह रहे जितेंद्र व राजेश पासवान के पास पहुंचे। मां ने बच्चे को देखा तो बेटे चंदन की तरफ दौड़ी और उसे छाती पर चिपका लिया। पिता जितेंद्र आए तो बेटा उसके आ चिपका। फिर मां-बाप बच्चे को गले लगा खूब रोए। बेटा भी मां-बाप से मिला तो फफक फफक कर रोता रहा। यह नजारा देख अफसरों की आंखें भी भर गई। दूसरा बालक भी नौ साल का राजन है। जिसका पिता भी बेटे को देखकर रोने लग गया। यही मां का हाल रहा। इन दोनों बच्चों के मां-पिता के घर में खुशी छा गई। आंखों में जरूर आंसू थे। लेकिन वे बच्चों लेकर आने वाले अफसरों को बार-बार भगवान का रूप बताने लगे।
गरीब मां-बाप से 20 हजार रुपए भी ठग लिए थे
अप्रेल 2023 में दोनों बालक खो गए थे। उसके गाद गुमशुदा के पोस्टर छपवाए। तब गरीब मां-बाप को बच्चा बताने के नाम पर ढाेंगी बाबा ने 20 हजार रुपए ठग लिए थे। एक ठग ने कहा कि बच्चे उनके पास हैं 5 लाख रुपए लेकर आ जाओ। इस तरह ठगी करने वालों के कई फोन आए।