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November 23, 2024 12:18 am


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श्मशान में पानी भरा, 2 घंटे शव लेकर बैठे ग्रामीण : बाहर सड़क किनारे ही करना पड़ा अंतिम संस्कार

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Pankaj Garg

सच्ची निष्पक्ष सटीक व निडर खबरों के लिए हमेशा प्रयासरत नमस्ते राजस्थान

टोंक। जिले के घाड़ थाना इलाके के धुंवाखुर्द गांव में किसी की मौत होने पर अंतिम संस्कार के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। यहां श्मशान में पानी भरने के कारण अंतिम संस्कार करने में लोग परेशान हो रहे है। हालात यह है कि कई घंटों तक शव लेकर बैठे रहना पड़ता है। फिर श्मशान के बाहर ही आसपास में सड़क किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। मंगलवार को भी गांव की एक महिला की मौत होने पर उसके अंतिम संस्कार के लिए शव को लेकर श्मशान के बाहर 2 घंटे तक बैठै रहना पड़ा। यहां श्मशान में धुवांकला तालाब के भराव क्षेत्र का पानी भरा हुआ है। इसके चलते लोग धुंवाखुर्द की सुशील देवी बैरवा के शव को लेकर श्मशान के बाहर पानी किनारे 2 घंटे तक बैठे रहे। इस समस्या को लेकर पहले भी कई बार लोगों ने सरपंच समेत अन्य को बताई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इसमें मिट्टी भरकर इसे ऊंचा नहीं किया किया गया। इसके चलते बारिश और सर्दी के दिनों में धुंवाकला तालाब फुल भरने पर श्मशान में पानी भरा रहता है। इससे शव का अंतिम संस्कार मजबूरन लोगों को शमशान के बाहर इधर-उधर सड़क किनारे करना पड़ता है।

बरसों से चली आ रही समस्या

ग्रामीण धनराज सिसोदिया, मुकेश बैरवा ने बताया कि घाड़ पंचायत क्षेत्र के धुंवाखुर्द गांव में बरसों से श्मशान ऐसी जगह है जहां धुंवाकला गांव के तालाब का पानी भरा रहता है। इस समस्या को लेकर कई बार ग्रामीण पंचायत प्रशासन को अवगत करा चुके है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

श्मशान का लेवल तालाब से ऊंचा करने की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान का लेवल तालाब के पानी का जल स्तर देखकर ऊंचा किया जाए। ताकि 12 माह श्मशान स्थल पर किसी के अंतिम संस्कार में परेशानी नहीं आए। लेकिन ऐसा नहीं होने से सोमवार रात को दम तोड़ने वाली धुंवाखुर्द गांव की सुशीला (42) पत्नी जगदीश बैरवा का शव मंगलवार सुबह 9 बजे से श्मशान के बाहर पानी किनारे रखे रखा है। आखिरकार दो घंटे बाद 11 बजे रोड़ किनारे एक खाली खेत किनारे मजबूरन अंतिम संस्कार किया। लोगों ने जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग की है।

रास्ता भी कीचड़ से भरा है

गांव से श्मशान तक जाने का कच्चा रास्ता भी कीचड़ से भरा हुआ है। इसके चलते लोग शव यात्रा को बड़ी मुश्किल से 10-15 मिनट का रास्ता आधा घंटा में तय करके कीचड़ से होकर धीरे धीरे ले गए। रास्ते में फिसलकर गिरने का डर बना रहा।

भूमि आवंटन नहीं होने से अटका श्मशान कार्य

घाड़ ग्राम विकास अधिकारी नरेश वर्मा ने बताया कि गत साल नई जगह श्मशान के लिए आवंटित करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा हुआ है। भूमि आवंटन के लिए अभी प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है। स्वीकृत नहीं हुआ है। स्वीकृत होते ही श्मशान की जगह निर्धारित कर दी जाएगी।

Author: JITESH PRAJAPAT

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