बारां। रेलवे ने शहर के पास सुंदलक में बनाई हाफ रैक पाइंट को शुरू कर दिया है। सुंदलक में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर होने से माल लोडिंग में व्यापारियों और रेलवे को सुविधा रहेगी। साथ ही शहर में सीजन के दौरान लगने वाले जाम की समस्या से भी राहत मिल सकेगी। रेलवे की ओर से यहां से पहली बार 42 बीसीएन (कवर्ड वैगन) का गेहूं से भरी मालगाड़ी का रैक पलक्कड़ केरल के लिए रवाना किया। आगामी दिनों में अन्य जगह के लिए भी रैक लोड किए जा सकेंगे। कोटा मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि मंडल में माल यातायात बढ़ाने के लिए माल व्यापारियों के साथ निरंतर बैठकें, गुड्स टर्मिनल की वर्किंग में सुधार और माल गाड़ियों के डिटेंशन को कम किया गया। इससे मालगाड़ियों के संचालन में तेजी आई और माल ढुलाई में वृद्धि हुई। मंडल में गुड्स लोडिंग को बढ़ावा और छोटे व्यापारियों की सुविधा के लिए सुंदलक स्टेशन के पास नए माल गोदाम विकसित किया हैं। जिससे सुंदलक इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से ही फूड ग्रेन की सुविधाजनक लोडिंग हो सके। अब तक रेलवे की ओर से बारां शहर में स्टेशन के पास स्थित माल गोदाम से ही गुड्स फूड ग्रेन की लोडिंग की जाती थी। ऐसे में यहां सीजन के दौरान माल लेकर आने-जाने वाले ट्रक-ट्रोलों की लंबी कतार लगती थी। जिससे शहर के प्रमुख कोटा रोड सिटी फोरलेन पर भी कई बार जाम के हालात रहते थे। जिससे लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब सुंदलक में बनाया गया हाफ रैक प्वाइंट शुरू कर दिया है। सुंदलक गुड्स साइडिंग से पहली बार 42 बीसीएन (कवर वैगन) का गेहूं (फूड ग्रेन) से भरा एक मालगाड़ी रैंक सुंदलक से पलक्कड़ के लिए लोडिंग कर रवाना किया है।
40 से अधिक इंडेंट मिले
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सुंदलक में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर होने के कारण व्यापारियों और रेलवे के दृष्टिकोण से लोडिंग बेहद सुविधाजनक साबित होगी। यहां मंडी से सीधे व्यापारियों के गोदामों पर माल जमा किया जाता है। जहां से रैक पर लोडिंग के लिए माल ले जाने के लिए भी ज्यादा दूरी पर वाहन नहीं भेजना पड़ेगा। ऐसे में माल के परिवहन पर होने वाला अतिरिक्त खर्चा बचेगा। इस गुड्स शेड से देश के किसी कोने में सभी प्रकार की कमोडिटी को भेजा जा सकता है। उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से सुंदलक माल गोदाम से गुड्स लोडिंग की अभूतपूर्व पहल की गई है। जिसमें छोटे-बड़े व्यापारियों ने अपनी रुचि दिखाई है। सुंदलक से फूड ग्रेन भेजने के लिए अब तक 25 से भी अधिक इंडेंट प्राप्त हो चुके हैं।