जयपुर। जिले के आमेर में हाथी सवारी की दरों को कम करने का फैसला लिया गया है। यह फैसला राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन भवन जयपुर में शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया। आमेर महल में संचालित हाथी सवारी की दरों की समीक्षा को लेकर पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी।
2500 से घटाकर 1500 रुपए की गई दरें
बैठक में आमेर महल में संचालित हाथी सवारी की दर 2500 रुपए से घटाकर 1500 रुपए की गई हैं। ये दरें 15 नवम्बर से प्रभावी होंगी। सवारी की दरें घटाने से हाथी मालिकों काफी अंसतोष है। उनका कहना है कि सालों बाद हाथी सवारी की दरें 1100 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए करके हमें राहत दी गई थी। लेकिन इसे फिर कम करते 1500 रुपए कर दिया गया। आज के समय में हाथी पालना किसी चुनौती से कम नहीं है।
दरें बढ़ने से घट गई थी पर्यटकों की संख्या
विभाग के अधिकारियों की माने तो दरें बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में कमी आई थी, जिसके चलते फिर से समीक्षा करते हुए दरे कम करने का निर्णय लिया गया है।
नई दरों के हिसाब से
हाथी मालिक को मिलेंगे- 1250 रुपए यात्रा अभिकर्ता को मिलेंगे- 90 रुपए हाथी प्रवेश शुल्क- 50 रुपए हाथी स्थल सफाई शुल्क- 20 रुपए हाथी कल्याण के लिए- 30 रुपए हाथी गांव विकास करे लिए- 60 रुपए द ट्रैवल एजेंट और टूर ऑपरेटर्स ने दरों में कमी का स्वागत किया।
हाथी मालिक बोले- हाथी रखने पर रोजाना 3 हजार खर्च
हाथी मालिक विकास समिति के अब्दुल अजीज और सेक्रेटरी सद्दीक खान ने कहा- साल 2012 के बाद अब जाकर हाथी सवारी के शुल्क में बढ़ोतरी की गई थी। करीब 13 सालों के दौरान महंगाई भी बढ़ी है। हाथियों को दी जाने वाली खाने की वस्तुओं की रेट में भी बढ़ोतरी हुई है। प्रतिदिन एक हाथी के खाने पर करीब 3000 रुपए का खर्चा आता है। 1 अक्टूबर से हाथी सवारी की बढ़ी हुई दरें लागू हुई थी। इतने साल बाद 1100 से सीधे 2500 रुपए हाथी सवारी की दर की गई थी। तब हाथी मालिकों ने अपनी खुशी जाहिर की थी। बैठक में पर्यटन आयुक्त बीपी सिंह, पुरातत्व विभाग के निदेशक डॉ. पंकज धरेन्द्र और पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेन्द्र सिंह शेखावत उपस्थित थे।